पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस साल भी होने वाले चुनाव अप्रैल के अंत में शुरू होकर मई तक चल सकते हैं, फिलहाल अभी तारीखों की घोषणा नहीं की गई है. उम्मीद है कि मार्च के पहले हफ्ते में चुनाव आयोग लोकसभा 2019 की तारीखों का ऐलान कर सकता है. लोकसभा चुनाव 2019 में वोट डालने के लिए मतदाताओं के लिए पहचान पत्र की अनिवार्यता को खत्म कर कुल 12 प्रमाणपत्रों को भी तवज्जो दी गई है. चुनाव आयोग ने कहा कि वोट डालने के लिए मतदाता पहचान पत्र के अलावा कुल 12 अन्य प्रमाण पत्रों के जरिए भी वोट डाल सकते हैं. इन प्रमाण पत्रों में मनरेगा जॉब कार्ड को भी शामिल किया गया है.
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चुनाव आयोग ने मतदाताओं को सहूलियत प्रदान करते हुए केंद्रीय सरकार की नौकरी का आईडी कार्ड, आधार कार्ड, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य स्मार्टकार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्मार्ट कार्ड, सांसद, विधायक, और एमएलसी द्वारा जारी किए गए पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि से भी वोट डालने का अधिकार दिया है. हालांकि वोट डालने के लिए आपका नाम मतदाता सूचि में होना अनिवार्य है. जिस व्यक्ति का नाम मतदाता सूचि में नहीं होगा, वह इन सभी प्रमाण पत्रों की मौजूदगी में भी वोट नहीं डाल सकेगा.
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बता दें कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग देश के सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर वोटर आईडी कार्ड बनवाने का काम कर रहा है. यदि किसी वजह से मतदाता का पहचान पत्र उस तक नहीं पहुंच पाता है तो वह सूचि में नाम दाखिल होने के बाद अन्य प्रमाण पत्र के जरिए भी वोट डाल सकते हैं. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने एक और आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत मतदाताओं को फोटो वोटर स्लिप के साथ ऊपर लिखे 12 में से कोई एक प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा. आयोग की मानें तो फोटो वोटर स्लिप में सुरक्षा संबंधी कोई फीचर नहीं होते हैं, इसी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
Source : Sunil Chaurasia