लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में मतगणना की तारीख नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं. यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 21 या 22 मई को यूपीए की बैठक बुलाई है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें गैर भाजपाई दलों को कांग्रेस से गठबंधन के लिए साधने को कहा है. जिम्मेदारी मिलते ही कमलनाथ एक्शन में आ गए. उन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) सहित कई नेताओं से बातचीत की.
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कांग्रेस (Congress) के कद्दावर नेता कमलनाथ के विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से करीबी संबंध और मैनेजमेंट में महारत हासिल होने के कारण सोनिया गांधी ने उन पर भरोसा जताया है. मुख्यमंत्री नाथ कुछ दिन पहले मीडिया से चर्चा में कह चुके हैं कि कांग्रेस केंद्र में मिली-जुली सरकार बनाने जा रही है. इस समय एग्जिट पोल पर रोक लगी है, लेकिन विभिन्न एजेंसी ने जो सर्वे कराए हैं, उनमें केंद्र में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की बात कही जा रही है. ऐसे में कांग्रेस भी गठबंधन की सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है.
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एनडीए गठबंधन में शामिल कई दल सरकार की नीतियों से नाराज होकर उससे दूर चले गए हैं. कांग्रेस पहले से ही इन दलों के नेताओं के संपर्क में है. मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kaman Nath) तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल एस, डीएमके, बीजू जनता दल, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, माकपा आदि पार्टियों के नेताओं से संपर्क कर उन्हें सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए राजी करेंगे. इसके पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को नई दिल्ली रवाना हो गए. वे शनिवार को वहां सहयोगी (समान विचारधारा वाले) दलों के नेताओं से चर्चा करेंगे. इनमें बीजू जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा, एनसीपी, राजद जैसे राजनीतिक दल शामिल हैं.
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कांग्रेस आलाकमान ने केंद्र में यूपीए (UPA) की सरकार बनने की स्थिति में सहयोगी दलों से चर्चा के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक दल गठित किया है. इसमें मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत एके अंटोनी, पी. चिदंबरम, गुलामनबी आजाद जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. नाथ वरिष्ठ नेताओं के इस दल में शामिल होकर सहयोगी दलों के नेताओं से चर्चा करेंगे, ताकि 23 मई को आने वाले चुनाव परिणाम के अनुसार आगे केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में सहयोगी दलों की सरकार बनने का रास्ता साफ हो सके. नाथ 20 मई को भोपाल लौटेंगे. इसके बाद वे यहां 21 मई को पार्टी की 29 सीटों पर चुनाव लड़े प्रत्याशियों की पहली बैठक में उनसे फीड बैक लेंगे, उसके बाद मंत्रियों और विधायकों से चर्चा करेंगे.
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