पांचवें चरण (Lok Sabha Election 5th Phase) में जिन 51 लोकसभा सीटों पर 6 मई को मतदान होगा उसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) , उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Soniya Gandhi) , जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) की साख जहां दांव पर होगी वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) की भी अग्नि परीक्षा होगी. जहां तक बीजेपी के दिग्गजों की बात है तो इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, राज्यवर्धन सिंह राठौर, राजीव प्रताप रूड़ी के नाम प्रमुख हैं.
अमेठी में गांधी परिवार के लिए अपनी साख बचाना आसान नहीं
तीन बार अमेठी से सांसद रहे राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी की स्मृति ईरानी से है. अमेठी में स्मृति के डेरा जमाने और राहुल गांधी का वायनाड सीट से भी लड़ना इस बात की तरफ इशारा करती है कि गांधी परिवार के लिए अपनी साख बचाना बहुत आसान नहीं है. अमेठी देश के चुनिंदा हॉट सीटों में से एक मानी जाती है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, संजय गांधी, राजीव गांधी के अलावा सोनिया गांधी भी इस सीट से चुनाव जीत चुकी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने बीजेपी की स्मृति ईरानी को हराया था.
रायबरेलीः जारी है कांग्रेस की जीत का सिलसिला
देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक रायबरेली कांग्रेस का मजबूत दुर्ग माना जाता है. यहां से पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने जीत हासिल कर कांग्रेस का खाता खोला था जो यथावत जारी है. तीन बार यहां कांग्रेस के सिवा कोई दूसरी पार्टी जीत सकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने हैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी दिनेश सिंह. सपा-बसपा गठबंधन ने सोनिया गांधी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को 3 लाख 52 हजार 713 मतों से मात देकर सांसद बनी थी.
अटल की सियासी विरासत पर किसकी चलेगी सियासत
देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सीट भी है. बीजेपी की ओर से पहले प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी की भी राजनीतिक कर्मभूमि रही है. सपा और बसपा इस सीट पर आज तक अपना खाता भी नहीं खोल सकी हैं. इस बार राजनाथ के सामने एसपी-बीएसपी गठबंधन प्रत्याशी पूनम सिन्हा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम हैं. आजादी के बाद लखनऊ संसदीय सीट पर कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा 7 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस जीत हासिल की है. इसके अलावा जनता दल, भारतीय लोकदल और निर्दलीय ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. 2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ संसदीय सीट पर 53.02 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी के राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 72 हजार 749 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी.
सारण के रण में कांटे की टक्कर
राज्य के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की राजनीतिक भूमि सारण में इस बार एनडीए-महागठबंधन के बीच गढ़ बचाने की चुनौती है. एनडीए की ओर से बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और महागठबंधन से राजद के चंद्रिका प्रसाद राय आमने-सामने हैं. यहां राजपूत और यादवों का दबदबा रहा है. इस क्षेत्र में वैश्यों और मुस्लिमों के वोट डिसाइडिंग फैक्टर हैं. एम-वाई समीकरण बनाकर लालू यादव इस सीट से चार बार सांसद रहे हैं, जबकि राजपूत और वैश्यों को गोलबंद कर बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी इस सीट से 3 बार चुने गए.
कोडरमा में पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी की साख दांव पर
झारखंड की कोडरमा लोकसभा सीट सें सांसद बीजेपी के रविन्द्र कुमार राय हैं. उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी के राजकुमार यादव को लगभग 1 लाख मतों के अंतर से शिकस्त दी. 2014 के चुनाव में बीजेपी के रविंद्र कुमार राय ने कम्यूनिस्ट पार्टी के राज कुमार यादव को हराया था. रविंद्र कुमार राय को 3.65 लाख और राज कुमार यादव को 2.66 लाख वोट मिले थे. यहां से इस बार यूपीए की ओर से पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी का मुकाबला एनडीए की अन्नपूर्ण देवी से है.
खूंटीः बीजेपी को गढ़ बचाने की चुनौती
बीजेपी के टिकट पर करिया मुंडा लगातार पांच बार (1989, 1991, 1996, 1998 और 1999) का चुनाव जीते. 2004 का चुनाव कांग्रेस के सुशीला केरकेता जीतने में कामयाब हुईं. इसके बाद फिर करिया मुंडा बीजेपी के टिकट पर लगातार दो बार यानि 2009 और 2014 में जीते. इस बार खूंटी से एनडीए के अर्जुन मुंडा का मुकाबला यूपीए के कालीचरण मुंडा से है.
हजारीबागः जयंत सिन्हा को सीट बरकरार रखने की चुनौती
2014 के चुनाव में बीजेपी के जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को हराया था. जयंत सिन्हा को 4.06 लाख और सौरभ नारायण सिंह को 2.47 लाख वोट मिले थे. इस सीट से मोदी सरकार के मंत्री जयंत सिन्हा सांसद हैं. उनके पिता यशवंत सिन्हा भी इसी सीट से सांसद रहे हैं. इस बार जयंत का मुकाबला कांग्रेस के गोपाल प्रसाद साहू से है.
जयपुर ग्रामीणः दो खिलाड़ियों के बीच जंग
2014 में बीजेपी ने इस सीट से पूर्व ओलंपियन और सेना में अधिकारी रहे कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ को टिकट देकर सबको चौंका दिया. मोदी लहर में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी को 3,32,896 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. इस बार कांग्रेस की कृष्ण पूनिया से उनका कड़ा मुकाबला है.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA