कुछ साल पहले ग्रेटर नोएडा के बिसहाड़ा गांव में गो-मांस रखने के कथित शक में पीट-पीट कर मारे गए मोहम्मद अखलाक के परिजनों के नाम मतदाता सूची से गायब मिले. जिले के ब्लॉक स्तर के एक अधिकारी के मुताबिक अखलाक के परिजनों को गांव छोड़े कई महीने बीत चुके हैं. संभवतः यह इसकी एक वजह हो सकती है.
गुरुवार को 19वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची से मोहम्मद अखलाक के पूरे परिवार का नाम गायब मिला. इसके पीछे का आधिकारिक कारण तो सामने नहीं आया है, लेकिन ब्लॉक स्तर के अधिकारी का कहना है कि गांव छोड़ना ही प्रमुख वजह हो सकती है. मतदाता सूची के मिलान और संशोधन के समय परिजनों के नहीं मिलने से सूची से नाम हट सकता है.
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2015 में घर में कथित तौर पर गो-मांस रखे होने के शक में हिंदूवादी संगठन के कुछ सदस्यों ने दादरी निवासी मोहम्मद अखलाक की उसके घर से खींच कर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. घटना के बाद बिसहाड़ा में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त हो गया था.
इसके बाद हाल के दिनों में बिसहाड़ा गांव की इस लोमहर्षक घटना के कई अभियुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में प्रमुखता से नजर आए थे. यही नहीं, योगी ने इस रैली में वोट करते वक्त बिसहाड़ा को इस लोकसभा चुनाव में नहीं भूलने की बात भी की थी. इसके बाद क्षेत्र का राजनीतिक पारा फिर गर्मा गया था. अब वोटर लिस्ट से अखलाक के परिजनों के नाम गायब होने से विपक्षी दलों को एक और मुद्दा मिल गया है.
Source : News Nation Bureau