लाेकसभा चुनाव 2019 में कई फिल्मी सितारों ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की है. उर्मिला मातोंडकर और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहउआ के बाद सियासत के फलक पर एक और फिल्मी सितारा चमकने के लिए अब बीजेपी का दामन थाम चुका है. पिता धर्मेंद्र और मां हेमामालिनी के बाद अब सनी देओल राजनीति में अपनी पारी शुरू करने जा रहे हैं. रुपहले पर्दे पर अपनी चमक बिखेरने वाले इन सितारों से पहले कई फिल्मी कलाकर राजनीति में आ चुके हैं. कुछ ने अपनी चमक बिखेरी तो कुछ एक-दो चुनाव के बाद की फीके पड़ गए. अगर राजनीति में लंबी पारी खेलने वाले फिल्मी सितारों की बात करें तो साउथ के सामने बॉलीवुड के कलाकर असफल रहे. हम आप को उन कामयाब फिल्मी सितारों से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने फिल्मों के साथ ही राजनीति में अपने कदम रखे और छा गए. और बात उनकी भी जिन्होंने अपने पहले चुनाव में दिग्गजों को हराया लेकिन रास न आई राजनीति...
सबसे सफल जयललिता
राजनीति में आने से पहले वो जयललिता तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम कर चुकीं थी. उन्होंने 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करना शुरू कर दीं थी. एमजी रामचंद्रन के का साथ मिला और वो दक्षिण भारतीय राजनैतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK)की महासचिव बन गईं. जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 में हुआ था. वो 1991 से 1996 , 2001 में, 2002 से 2006 तक और 201 से 2014 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं.
मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन
सफल सितारों की बात करें तो पहला नाम आता है मारुदुर गोपालन रामचंद्रन यानी एम जी आर का. उनका जन्म 17 जनवरी, 1917 को हुआ था. एमजीआर तमिल फिल्मों के अभिनेता थे. 1977 से लेकर 1987 में उनके निधन तक वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे. उनका जन्म श्रीलंका के कैन्डी में हुआ था.
आंध्र प्रदेश को कांग्रेस मुक्त बनाने वाले एनटी रामाराव
एन.टी. रामा राव का जन्म 28 मई 1923 में हुआ था. वो एक फिल्मी अभिनेता, निर्देशक, निर्माता एवं राजनेता थे. उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 1983 से 1994 के बीच वह तीन बार सीएम रहे. राज्य को कांग्रेस मुक्त बनाने के लिए उन्होंने 1982 में तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की. एन.टी. रामा राव ने राजनैतिक पारी की शुरूआत की उस समय वह एक लोकप्रिय अभिनेता थे.
अमिताभ को रास नहीं आई राजनीति
अमिताभ बच्चन को उनके दोस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीति में लेकर आए. बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ ने 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा और दिग्गज नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा को हरा दिया. अमिताभ भले ही चुनाव जीत गए, लेकिन उन्हें राजनीति रास नहीं आई और बोफोर्स घाटोले में नाम आने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद अमिताभ ने दोबारा कभी राजनीति का रुख नहीं किया.
स्टारडम जीता पर राजेश खन्ना का खत्म हो गया ग्लैमर
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने आखिरी खत फिल्म से अपने करयिर की शुरुआत की थी. 1969 से 1971 के बीच में उन्होंने लगातार 15 हिट फिल्में दी जो अभी तक रिकॉर्ड है. कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्होंने 1992 में लोकसभा का चुनाव लड़ा. नई दिल्ली से राजेश खन्ना ने 1992 में अपने दोस्त शत्रुघ्न सिन्हा को 25 हजार वोटों से हराया.
गोविंदा का पॉलिटिक्स को ना
90 के दशक के हिट हीरो गोविंदा भी 2004 में कांग्रेस की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़े और पांच बार के सांसद रहे और बीजेपी के बड़े नेता राम नाईक को 50 हजार वोटों से हरा दिया. लेकिन गोविंदा राजनीति में अपना स्टारडम बरकरार नहीं रख पाए और 2008 में गोविंदा ने इस्तीफा दे दिया.
हीमैन धर्मेन्द्र राजनीति के शोमैन नहीं बन पाए
ही मैन और एक्शन किंग धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 में हुआ था. वो एक्टर, प्रोड्यूसर और राजनेता भी हैं. उन्होंने हिन्दी सिनेमा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. 14वीं लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बीकानेर से वो भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा प्रत्याशी रहे. उन्हें सरकार की ओर से पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया.
राजनीति में सबसे सक्सेसफुल हिंदी फिल्मों के अभिनेता सुनील दत्त
सुनील दत्त एक ऐसे कलाकार रहे, जो राजनीति में सबसे सक्सेसफुल माने जाते हैं. सुनील दत्त ने अपना पहला चुनाव 1984 में मशहूर वकील राम जेठमलानी के खिलाफ लड़ा था. सुनील दत्त ने इस चुनाव में जेठमलानी को शिकस्त दी. सुनील दत्त पांच बार सांसद रहे, 2004 में उन्हें खेल और युवा मामलों का मंत्री भी बनाया गया था.
हेमा मालिनी की लंबी पारी
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 में हुआ था. मालिनी एक्ट्रेस, डॉयरेक्टर, प्रोड्यूसर और ट्रेंड डांसर हैं. उन्होंने तमिल फिल्मों से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी. 2003 से 2009 तक वो राज्यसभा सदस्य रहीं. भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मथुरा सीट से खड़ा किया और वो भारी मतों से विजयी हुईं. इस बार भी वो चुनाव मैदान में हैं
संस्कृति और पर्यावरण मंत्री रहे विनोद खन्ना
एक्टर, प्रोड्यूसर विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को हुआ था. राजनीति में विनोद खन्ना काफी सक्रिय रहते थे. अपने फिल्मी करियर में उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया. 1998 से 2009 के बीच वो गुरुदासपुर से सांसद भी रहे. अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में वो संस्कृति और पर्यावरण मंत्री भी रहे.
शत्रुघ्न सिन्हाः पारी लंबी पर ...
बॉलीवुड में शॉट गन से मशहूर बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म 9 दिसंबर 1945 में पटना जिले में हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड में एक लंबी पारी खेली. पहले खलनायक से करियर शुरू किया इसके बाद नायक के रूप में कई हिट फिल्में दीं. 2002 से 2003 तक अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में वो स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय संभाला. दो बार वो चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और अब तीसरी बार मैदान में हैं. भारतीय जनता पर्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरआत करने वाले सिन्हा ने राजेश खन्ना के खिलाफ अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस बार उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है.
मॉडल से कैबिनेट मंत्री तक स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी ने अपने करियर की शुरुआत एक मॉडल के तौर पर की थी. फिर वो टेलीविजन में आईं. क्योंकि सास भी कभी बहू टेलीशो के जरिए वो भारत के हर घर तक पहुंची. 2003 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया. 2004 में वो महाराष्ट्र यूथ विंग की उपाध्यक्ष चुनी गईं. 2014 में हुए लोक सभा चुनाव के बाद वो कैबिनेट मिनिस्टर बनी. अब लोकसभा चुनाव में एक बार फिर वो कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को ललकार रही हैं.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA