मिशन शक्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश का मामला चुनाव आयोग पहुंच गया है. कई पार्टियों ने इस पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर पीएम को इसकी घोषणा करने की इजाजत क्यों दी गई? निर्वाचन आयोग ने इस बात की जांच करने के लिए बुधवार को समिति गठित की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को अपने संबोधन में उपग्रह भेदी मिसाइल (ए-सैट) के सफल परीक्षण की घोषणा कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं.
निर्वाचन उपायुक्त संदीप सक्सेना समिति के अध्यक्ष होंगे. ईसी ने हालांकि न तो समिति के अन्य सदस्यों के नाम बताए और न तो यही बताया कि जांच की मियाद कितने दिनों की होगी. ईसी ने एक बयान में कहा, "आज (बुधवार) अपराह्न् इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रधानमंत्री के संबोधन से जुड़ा मामला भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया गया है. आयोग ने अधिकारियों की एक समिति को आदर्श आचार संहिता के आलोक में इस मामले की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है. "
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बता दें आज सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग को दिए अपने पत्र में लिखा कि इस तरह का मिशन देश को आमतौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) बताता है, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री ने इसको लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं. ऐसे में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद उनको इसकी इजाजत कैसे दी जा सकती है?
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सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग से ये पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश के बारे में चुनाव आयोग को पता था? क्या चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इजाज़त दी थी?
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वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मिशन शक्ति की सफलता का श्रेय अंतरिक्ष अनुसंधान एवं विकास में वर्षों से अनवरत परिश्रम कर रहे वैज्ञानिकों को जाता है.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मिशन शक्ति एक राजनीतिक घोषणा है. इसकी घोषणा वैज्ञानिकों को करनी चाहिए थी. इसका श्रेय उन्हें दिया जाना चाहिए.
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बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक के बाद देश को संबोधित किया. संबोधन में उन्होंने देश के वैज्ञानिकों द्वारा हासिल महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर ध्यान दिलाया. पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया- कुछ ही समय पहले भारत ने अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की है. भारत खुद को अंतरिक्ष महादेश बन गया है. अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत अकेला देश है, जिसे यह बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. उन्होंने बताया, अब से कुछ ही देर पहले एलईओ (LEO) लो ऑर्विट सेटेलाइट को भारत द्वारा निर्मित A-SAT सेटेलाइट ने मार गिराया है.
(इनपुट IANS)
Source : News Nation Bureau