Narendra Modis Historic Journey: भारत के प्रधानमंत्री के रूप में लंबे समय तक सेवा देना न केवल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि है, बल्कि देश की जनता के विश्वास और समर्थन का भी प्रतीक है. नरेंद्र मोदी, जिन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री पद संभाला, अगर 2029 तक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहते हैं, तो वे इंदिरा गांधी के बराबर 15 वर्षों तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे. तमाम चैनलों और एजेंसियों के सर्वे में बीजेपी को इस बार भी प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है. बीजेपी नेतृत्व एनडीए को बहुमत से बहुत अधिक सीटें मिलने के आसार हैं. आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जिक्र कर रहे हैं कि वो कैसे सबसे लंबे प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल पूरा करेंगे. इस लेख में हम नरेंद्र मोदी के इस संभावित ऐतिहासिक सफर के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता के बाद के शीर्ष पांच सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्रियों पर चर्चा करेंगे.
नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी ने 2014 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उनकी नेतृत्व क्षमता, मजबूत निर्णय लेने के निर्णय और विकास पर केंद्रित नीतियों ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बनाया. मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधार और योजनाओं को लागू किया, जैसे कि स्वच्छ भारत अभियान, जन धन योजना, और डिजिटल इंडिया समेत कई अन्य योजनाओं ने पीएम मोदी को सबसे चहेता बना दिया. 2024 तक उनका कार्यकाल 10 साल का पूरा हो चुका है , जिससे वह मनमोहन सिंह के बराबर आ गाए हैं . अगर वह 2029 तक अपने पद पर बने रहते हैं, तो उनका कार्यकाल 15 साल का हो जाएगा, जिससे वह इंदिरा गांधी के बराबर पहुंच जाएंगे और दूसरे सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
शीर्ष पांच सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री
1.जवाहरलाल नेहरू(1947-1964)
भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने 17 साल तक इस पद पर सेवा दी. उनका कार्यकाल स्वतंत्रता के बाद के शुरुआती वर्षों में देश के निर्माण और विकास के लिए महत्वपूर्ण था. नेहरू की नीतियों ने भारत को एक समाजवादी ढांचे की ओर अग्रसर किया और उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की, जो देश की आर्थिक और औद्योगिक नींव रखने में महत्वपूर्ण साबित हुईं.
2. इंदिरा गांधी (1966-1977, 1980-1984)
इंदिरा गांधी, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी , उन्होंने दो अलग-अलग अवधियों में कुल मिलाकर 15 साल तक सेवा दी. उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई साहसिक निर्णय लिए, जिनमें 1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम शामिल है. उनकी नेतृत्व क्षमता और निर्णायकता ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाया.
3. मनमोहन सिंह (2004-2014)
मनमोहन सिंह, एक अर्थशास्त्री और पूर्व वित्त मंत्री थे , उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दस साल तक सेवा दी. उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक उदारीकरण और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया. मनमोहन सिंह की नीतियों ने भारत को उच्च आर्थिक विकास दर हासिल करने में मदद की, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू किया.
4. नरेंद्र मोदी (2014-वर्तमान)
नरेंद्र मोदी, जिन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला. उनके नेतृत्व में भारत ने कई प्रमुख सुधार और योजनाओं को लागू किया है, जिनका उद्देश्य आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे का सुधार और डिजिटल क्रांति है. 2024 तक मोदी का कार्यकाल 10 साल का हो चुका है, जिससे वह मनमोहन सिंह के बराबर आ गए हैं . अगर मोदी 2029 तक अपने पद पर बने रहते हैं, तो उनका कार्यकाल 15 साल का हो जाएगा, जिससे वह इंदिरा गांधी के बराबर पहुंच जाएंगे.
5.अटल बिहारी वाजपेयी (1996, 1998-2004)
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन अलग-अलग अवधियों में कुल मिलाकर लगभग सात साल तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी. उनके नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण-2 परमाणु परीक्षण किया, जिसने भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया. वाजपेयी का "सर्वधर्म समभाव" और विकास पर जोर देने वाली नीतियां आज भी याद की जाती हैं.
भारत के प्रधानमंत्री का पद न केवल एक राजनीतिक जिम्मेदारी है, बल्कि देश के विकास और प्रगति का नेतृत्व करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं ने अपने-अपने समय में इस पद को गरिमा और दृढ़ता के साथ निभाया है. नरेंद्र मोदी का संभावित 15 साल का कार्यकाल न केवल उनके नेतृत्व और दृष्टि की पुष्टि करेगा, बल्कि भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय भी जोड़ेगा. इन नेताओं की सेवा और योगदान ने भारत को मजबूत स्थिति में लाया.
Source : Smriti Sharma