Possible ministers of Modi Cabinet: एनडीए ने सरकार बनाने का दावा बुधवार को पेश कर दिया है. साथ ही सभी घटक दलों ने नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है. शपथ ग्रहण की तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन संभावनाएं जताई जा रही हैं कि शनिवार को मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. ऐसे में अब सबसे ज्यादा अहम हो जाता है कि सरकार के बड़े मंत्रालय किसको मिल रहे हैं. क्योंकि ज्यादातर बड़े घटक दलों की नजर इन्हीं पोर्टफोलियो पर है. हालांकि अभी पार्टी इस पर मंथन कर रही है. लेकिन बताया जा रहा है कि इन चेहरों को मोदी सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकते हैं. इस बार बीजेपी के बड़े चेहरों को छोटे मंत्रालयों से संतोष करना पड़ सकता है...
यह भी पढ़ें : लोकसभा में निर्वाचित महिला सांसदों की संख्या में गिरावट, देखें पिछले 33 साल के आंकड़े
ये होते हैं बड़े मंत्रालय
आपको बता दें किसी सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में पीएमओ के अलावा गृह, वित्त और रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा मंत्रालय होता है. इसके किचन कैबिनेट भी बोला जाता है. इन मंत्रालयों के अलावा एक मंत्रालय और है जिस पर अभी से गठबंधन के सहयोगी दलों की नजरें टिकी हैं. यह रेल मंत्रालय है. राजनीतिक पंडितों की माने तो गठबंधन के तीन प्रमुख दलों ने इस मंत्रालय को अपने पास रखने की मंशा व्यक्त कर दी है. रेल मंत्रालय की मांग तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल (यू) और लोक जनशक्ति इसकी मांग कर चुकी है. हालांकि अभी ये कयास हैं किसको क्या मिलेगा ये तो शपथ के दिन ही पता चल सकेगा..
पहले भी रेल मंत्रालये सहयोगी दलों के पास रहा
आपको बता दें कि इससे पहले भी बनी गठबंधन की सरकारों में रेल मंत्रालय सहयोगी दलों के ही पास रहा है. ममता बनर्जी, रामविलास पासवान, लालू प्रसाद यादव और नितीश कुमार इस मंत्रालय को संभाल चुके हैं . ज्यादातर बिहार से गठबंधन में शामिल पार्टी के पास ही मंत्रालय रहा है. इस तरह ज्यादा संभावना है कि जेडीयू या लोक जनशक्ति पार्टी के पास यह मंत्रालय जा सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि यह मंत्रालय ऐसा है जो सीधा लोगों को जोड़ता है. राज्य में नई ट्रेनें चलवाना हो, नई लाइन बिछवानी हो, ट्रेनों में कोच बढ़वाने हों, स्टेशन का डेवलपमेंट करवाना या ट्रेनें का ठहराव देना हो, सभी कम इसी मंत्रालय से हो सकते हैं.
नीतीश कुमार पहले भी मांगते रहे थे ये मंत्रालय
दरअसल, पिछली बार भी नीतीश कुमार रेल मंत्रालय की डिमांड कर चुके थे. लेकिन उस वक्त बीजेपी के पास अपने नंबर ही काफी थे. इसलिए किसी भी घटक दल की कोई डिमांड पूरी नहीं की गई थी. लेकिन इस बार वार्गेनिंग चांसेज ज्यादा हैं. नीतीश कुमार मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और आरसीपी सिंह को बराबर का मौका देने के लिए केंद्र में मंत्री बनाना चाहते थे. बाद में आरसीपी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और फिर केंद्र में मंत्री भी. अब जनवरी में वह वापस राजग में आए हैं और चार जून को आए लोकसभा चुनाव परिणाम में वह भाजपा के बराबर सांसद देने वाली पार्टी के अध्यक्ष तो हैं ही, केंद्र सरकार के बहुमत के आंकड़ों के लिए जरूरी भी हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार फिर से रेल मंत्रालय की मांग अपनी पार्टी के लिए कर सकते हैं.
इन नामों को माना जा रहा तय
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और बिहार के पूर्व मंत्री व जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा- यह तीन नाम घटक दलों की ओर से पक्का माना जा रहा है. जिन्हें मुख्य मंत्रालयों में जगह मिल सकती है. जानकारी के मुताबिक, जदयू तीन मंत्रियों का पद चाह रहा है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा भी है कि मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और लोजपा सांसद शांभवी चौधरी को मौका देकर राजग एक पंथ, दो काज का फॉर्मूला भी अपना सकता है.
चिराग को मिल सकता है बड़ा मंत्रालय
चिराग पासवान अपने साथ एक मंत्री पद की मांग कर सकते हैं. हालांकि संभावनाएं जताई जा रही है कि चिराग पासवान को कैबिनेट कोई ठीक-ठाक विभाग मिल सकता है. हो सकता है एक राज्य मंत्री का पद भी वे पा लें. लेकिन संभावनाए बिल्कुल नहीं है. वहीं टीडीपी को ऊपर वाले विभागों में से एक मंत्री व दो राज्य मंत्री मिलना लगभग तय माना जा रहा है. वहीं जदयू भी एक कैबिनेट के साथ 2 राज्यमंत्रियों की मंशा जाहिर क चुका है. हालांकि आपको बता दें कि पीएमओ के साथ गृहमंत्रालय बीजेपी अपने ही पास रखेगी. वित्त या रक्षा या विदेश मंत्री ही घटक दलों को देगी. इसकी चर्चा शायद इंटरनल पार्टी मीटिंग में कर भी चुके हैं.
इन चेहरों पर संशय बरकरार
बीजेपी को पूर्ण बहुमत न मिलने से बीजेपी के बड़े चेहरों के छोटे मंत्रालयों से संतोष करना पड़ सकता है. बीजेपी के अंदर तकरीबन दो दर्जन मंत्रियों के इस बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने पर संशय अभी भी बना हुआ है कि आखिर उन्हें जगह मिल पाएगी या नहीं. बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के कुछ बड़े चेहरों के नाम काट कर इस बार नए लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं, पुराने चेहरों में अमित शाह, जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल, मनसुंख मंडाविया, सर्वानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े चेहरों का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- शनिवार को पीएम पद की शपथ ले सकते हैं नरेन्द्र मोदी, विदेशी मेहमानों को भेजा जा रहा बुलावा
- विगत दिवस 17वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश करते हुए मोदी ने दिया पद से इस्तीफा
- इन नामों को बड़े मंत्रालय मिलना लगभग तय, बीजेपी के बड़े नाम रह सकते हैं बाहर
Source :News Nation Bureau