बिहार NDA में सीट बंटवारा: बीजेपी हुई चित, एलजेपी के प्रेशर पॉलिटिक्स के आगे झुके अमित शाह

दो-तीन दिनों तक लंबे मंथन और कई दौर की मीटिंग के बाद लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार एनडीए में आखिरकार तीनों दलों बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के बीच सीटों का बंटवारा हो गया

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
बिहार NDA  में सीट बंटवारा: बीजेपी हुई चित, एलजेपी के प्रेशर पॉलिटिक्स के आगे झुके अमित शाह

न्यूज स्टेट (फाइल फोटो)

Advertisment

दो-तीन दिनों तक लंबे मंथन और कई दौर की मीटिंग के बाद लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार एनडीए में आखिरकार तीनों दलों बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के बीच सीटों का बंटवारा हो गया. भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को इसकी घोषणा की और कहा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) छह सीटों पर जबकि बीजेपी और जनता दल (यू) 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं एनडीए की तरफ से एक राज्यसभा सीट भी एलजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को दी जाएगी. इस फैसले पर जेडीयू पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार ने भी सहमति जताई.

काम आई पासवान की प्रेशर पॉलिटिक्स

अब ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भले कोई जीते लेकिन फिलहाल अभी राम विलास पासवान ने तो मैदान मार ही लिया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि तीन राज्यों में बीजेपी की हार के बाद एलजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष और पासवान के बेटे चिराग पासवान की एनडीए छोड़ने की घुड़की ऐसी काम आई की बीजेपी में मैराथन बैठकों का दौर शुरू हो गया. चुनाव में हवा का रुख भांपने के लिए लोहा मनवा चुके पासवान के प्रेशर पॉलिटिक्स के सामने बीजेपी को झुकने के लिए मजबूर होना पड़ा और 6 लोकसभा सीटों के अलावा एक राज्यसभा की सीट देने के लिए राजी होना पड़ा.

बीते कुछ दिनों से सीट बंटवारे पर एलजेपी ने आक्रामक रूख अपना लिया था और अपनी मांगों को लेकर किसी प्रकार समझौता करने के मूड में नहीं थी. एलजेपी ने बीजेपी नेतृत्व को 31 दिसम्बर के पहले इसे निपटाने के लिए अंतिम चेतावनी दी थी.

आपको बता दें कि साल 2014 में भी बिहार एनडीए में तीन दल थे जिसमें कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी अब महागठबंधन का हिस्सा बन चुका है. पिछले लोकसभा चुनाव में भी पासवान को बीजेपी ने बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से 7 सीटें दी थी और मोदी लहर की वजह से एलजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी.

और पढ़ें: NDA की मुश्किलें कम नहीं, नीतीश कुमार से नाराज 'सन ऑफ मल्लाह' मुकेश सहनी महागठबंधन में हुए शामिल

खत्म नहीं हुई शाह की मुश्किल, बीजेपी में कई सांसद हो सकते हैं बागी

वहीं दूसरी तरफ शीट शेयरिंग को बीजेपी के लिए नुकसान इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी 29 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 22 पर जीत दर्ज की थी. जबकि जेडीयू ने 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी को सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिली थी. अब सवाल उठ रहा है कि क्या कम सीटों पर चुनाव लड़ने से बीजेपी के ज्यादा सीट राज्य में जीतने की संभावना पर पानी नहीं फिरेगा. या फिर क्या राज्य में जो अभी बीजेपी के 22 सांसद है जब उनमें किसी का पत्ता कटेगा तो बीजेपी को बागियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्या इससे बिहार बीजेपी में टूट की संभावना नहीं होगी.

हमने एक दिन पहले ही आपको बताया था कि बिहार में कई ऐसी सीट है जिस पर जेडीयू और बीजेपी दोनों तरफ के नेता अपना-अपना दावा कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसी एक को भी अपना दावा छोड़ना पड़ा और अपने क्षेत्र में उसकी लोकप्रियता रही तो वो गठबंधन के खिलाफ नहीं जाएगा. ऐसे कई सवाल है जो आने वाले दिनों में बीजेपी अध्यक्ष समेत पीएम मोदी के लिए पेरशानी का सबब बन सकते हैं.

आज सीट बंटवारे के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने में सहमति जताई है. उन्होंने भरोसा जाहिर किया राष्ट्रीय जनतांत्रितक गठबंधन बिहार में 2019 में 2014 की तुलना में अधिक सीट जीतेगा. अमित शाह ने कहा कि एक संयुक्त चुनाव अभियान चलाया जाएगा और एनडीए के राज्य नेताओं द्वारा एक अंतिम मसविदा तैयार किया जाएगा.

ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि सीट शेयरिंग पर तो बात बन गई लेकिन सीटों के चयन और कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इसपर सहमति नहीं बनी तो एनडीए में एकता बनी रहेगी. अगर चुनाव में सीटों के चयन पर थोड़ा भी बीजेपी, जेडीयू और एलेजपी के बीच असहमति बनी तो निश्चित तौर पर इसका सीधा असर चुनावी अभियान पर दिखेगा. चूंकि बीजेपी पहले ही सीटों की संख्या पर जेडीयू से समझौता कर चुकी है इसलिए इसकी उम्मीद कम ही है कि सीटों के क्षेत्रवार चयन पर वो जेडीयू और एलजेपी के दबाव में आएं.

नीतीश दोहरा पाएंगे 2009 का परिणाम

हालांकि सीट शेयरिंग के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने जरूर दावा किया कि एनडीए मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और वह 2009 के परिणामों को दोहराएग, जब बीजेपी और जेडीयू ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 40 सीटों में से 32 पर जीत हासिल की थी. नीतीश कुमार ने कहा, 'हम संयुक्त रूप से प्रचार करेंगे और केंद्र में सरकार बनाएंगे'

और पढ़ें: NDA में सीट बंटवारे के बाद भी RJD नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा, पासवान महागठबंधन का हिस्सा होंगे

इस मौके पर एलजेपी प्रमुख राम विलास पासवान ने भी सीट बंटवारे में सम्मान पूर्ण समझौते के लिए बीजेपी नेतृत्व का आभार जताया और फिर से केंद्र में सरकार बनाने का संकल्प लिया. राम विलास पासवान ने कहा, 'गठबंधन में कोई मुद्दा नहीं है. सब कुछ ठीक है. हम मोदीजी के नेतृत्व में चुनाव जीतेंगे.

गौरतलब है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 2014 में बीजेपी ने 22 सीटों पर जबकि एलजेपी ने छह सीटों पर जीत हासिल की थी. इन चुनावों में बीजेपी 30 सीटों और एलजेपी सात सीटों पर लड़ी थी. उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी

Source : Kunal Kaushal

BJP NDA JDU bihar-election ljp seat sharing
Advertisment
Advertisment
Advertisment