गुजरात में साढ़े दो वर्षों तक पटेल आंदोलन का महिला चेहरा रहीं रेशमा पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दे दिया और कहा कि पार्टी सिर्फ एक 'मार्केटिंग कंपनी' है, और कुछ नहीं. हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार आंदोलन की एक मुख्य सदस्य रहीं रेशमा पटेल ने बाद में बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. उन्होंने गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
अपने पत्र में उन्होंने कहा, 'बीजेपी अब केवल एक मार्केटिंग कंपनी बन गई है और हमें सरकार की फर्जी नीतियों और फर्जी योजनाओं की मार्केटिंग करने और लोगों को मूर्ख बनाने के लिए कहा जा रहा है.'
उन्होंने कहा, 'मैं लगातार दुख और अन्याय होते देखना नहीं चाहती और इसलिए मैंने खुद को इस तरह के तानाशाह नेताओं अन्यायपूर्ण साझेदारी से मुक्त कर लिया और जनहित में पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं.'
सरकार ने आश्वासन दिया था कि पटेल समुदाय की मांगों को स्वीकार किया जाएगा, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गई थीं.
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जब पटेल को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएसी) के अन्य नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल किया गया था तो उन्हें प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई थी.
लेकिन, बाद में रेशमा पटेल ने पार्टी के खिलाफ रुख अख्तियार कर लिया और उन्होंने कई मुद्दों पर भाजपा की आलोचना की.
Source : IANS