कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी पर एक मृत व्यक्ति का 'भूखंड चुराने' का आरोप लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, कि पीएम मोदी ने गांधीनगर में उन्हें आवंटित भूखंड के बारे में चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी. मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि मोदी से पूछा जाना चाहिए कि उनका भूखंड कौन सा है क्योंकि 2002 में पहले हलफनामे में पीएम मोदी ने कहा कि भूखंड खंख्या 411 उनका है फिर अगले हलफनामे में कहा कि 401A उनका है और इसमें भूखंड संख्या 411 का कोई जिक्र नगीं था. कांग्रेस ने इससे पहले भी इस संबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाया था जिसका भाजपा ने खंडन किया था.
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खेड़ा ने कहा कि भाजपा ने एक ट्वीट करके स्पष्ट किया था कि भूखंड मिला दिये गये हैं. उन्होंने सवाल किया, ‘चार भूखंडों को आपस में मिला दिया गया है. ये आवंटित भूखंड हैं जिन्हें गुजरात सरकार ने अपने विधायकों, सांसदों और अपनी पसंद के लोगों को दिये हैं. अब मोदीजी ने भी अपने हलफनामे में लिखा है कि ये भूखंड मिला दिये गये हैं. हमने पूछताछ की और पाया कि ये भूखंड हस्तांतरित या बेचे नहीं जा सकते. इसलिए, अगर उन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सकता तो उन्हें मिलाया कैसे जा सकता है.'
इससे पहले अप्रैल में लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा था कि चार अलग-अलग लोगों द्वारा खरीदे गये चार भूखंडों को 25 अप्रैल 2008 में मिलाकर एक कर दिया गया. उन्होंने कहा कि आपस में मिलाकर तैयार भूखंड की संख्या अलग-अलग भूखंडों की संख्या से भिन्न है. खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘हैरान करने वाली बात यह है कि जिस व्यक्ति का भूखंड प्रधानमंत्री के भूखंड से मिलाया गया वह पूर्व बीजेपी अध्यक्ष जन कृष्णामूर्ति हैं. उनका निधन सितंबर 2007 में हो चुका है. इसके केवल सात महीने बाद ही उनके भूखंड को मोदी के भूखंड के साथ मिला दिया गया.'
उन्होंने कहा, ‘बताइए, क्या कोई मृत व्यक्ति इसके लिए अपनी मंजूरी दे सकता है? हम आपसे सबूत की मांग करते हैं. चौकीदार ने एक मृत व्यक्ति का भूखंड चुरा लिया और अपने हलफनामे में इस बारे में सही सूचना नहीं दी. इसलिए, हम बार-बार कहते हैं ‘चौकीदार चोर है'.
Source : News Nation Bureau