72 हजार रुपए की न्याय योजना लागू करने का दावा करने वाली कांग्रेस पीएम मोदी को 15 लाख रुपए बैंक खाते में आने के वादे का उलाहना भी देती है. हालांकि इसे लेकर एक बार भी पीएम मोदी की तरफ से कोई सफाई नहीं आई. ऐसे में जब यह प्रश्न एक बार फिर न्यूज नेशन से बातचीत में आया, तो उन्होंने खुलकर बात की.
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किन्हीं भी 100 आदमियों से बात कर लें और कोई कह दे कि मैंने ऐसी बात कही है. हल्के अंदाज में उन्होंने उलटा सवाल यही दागा कि आप टेप रिकॉर्डर पर भरोसा करेंगे या ट्रैक रिकॉर्डर पर. इस समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को भरोसा दिया गया था कि सारे कर्ज माफ हो जाएंगे. बेरोजगार युवकों को भत्ता देने की बात कही गई थी. कहा था 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा. आज 6 माह हो गए, किसानों को नोटिस भेजे जा रहे हैं. बैंक नए पैसे नहीं दे रहे हैं. 2004 में उन्होंने कहा था कि हर घर में बिजली देंगे, 2009 में कहा था कि 90 प्रतिशत घरों में बिजली देंगे और यह काम मैं अब भी कर रहा हूं. कभी आप मेरा ट्रैक रिकॉर्ड देखिए.
रहा सवाल 15 लाख रुपए के प्रश्न का तो मैं पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के भाषणों का जिक्र करूंगा. जब बोफोर्स हुआ तो उस समय वीपी सिंह ने कहा था, कितने रुपये खा गए, मालूम है आपको. अगर इन पैसों का हिसाब लगाऊं तो इतने खेतों में कुआं होता, इतने खेतों में ट्यूबवेल लग जाता. इतने एकड़ जमीन की सिंचाई हो जाती. वास्तव में वह वीपी सिंह के समझाने का तरीका था. इसी तरह मैं 15 लाख रुपए की बात कर एक झूठ के पीछे अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता हूं.
Source : News Nation Bureau