ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को दिल से माफ नहीं किया है. अगर किया होता तो शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में उन्हें बधाई देने के लिए आगे बढ़ी साध्वी को पीएम मोदी ने आगे बढ़ने का इशारा नहीं किया होता. यह दृश्य सामने आने के बाद से राजनीतिक गलियारों में इसी बात की चर्चा हो रही है. खासकर सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री द्वारा चुन कर आए नए सांसदों को दी गई नसीहत के आलोक में. गौरतलब है कि अपने संबोधन में पीएम मोदी ने नए सांसदों को खासकर आचरण और क्रियाकलापों में संयम बरतने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था कि ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए जिससे किसी को चोट पहुंचे.
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सेंट्रल हॉल में पीएम ने साध्वी से मुंह फेरा
गौरतलब है कि शनिवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक में कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से एनडीए गठबंधन का नेता चुना गया. इसके बाद सभी सांसद मोदी को बधाई दे रहे थे. वह भी सबसे हंस कर मिल उनकी बधाई स्वीकार कर रहे थे. हालंकि जैसे ही भोपाल से चुनाव जीत कर आई प्रज्ञा उन्हें बधाई देने के लिए आगे बढ़ीं, मोदी ने मुंह फेर लिया और आगे बढ़ने का इशारा कर दिया. पीएम मोदी की प्रज्ञा को लेकर यह बेरुखी आम हो गई औऱ अब इसकी ही चर्चा हो रही है.
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नाथूराम गोडसे को बताया था देशभक्त
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान से दो दिन पहले नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताकर साध्वी प्रज्ञा ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया था. इससे उपजे विवाद की वजह से बीजेपी को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. स्थिति इस कदर बिगड़ी कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर सफाई देनी पड़ी थी. पीएम मोदी के अधिकृत टि्वटर एकाउंट से एक बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया था कि 'महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गईं हैं, वो भयंकर खराब हैं. ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भले ही इस मामले में उन्होंने (साध्वी प्रज्ञा) माफी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ नहीं कर पाऊंगा.'
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पीएम और बीजेपी अध्यक्ष को खुद देनी पड़ी थी सफाई
मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी रहीं साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. इसपर भारतीय जनता पार्टी की जबर्दस्त किरकिरी हुई और पूरे विपक्ष ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. चौतरफा आलोचनाओं और किरकिरी के बाद साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी, लेकिन तबतक जो नुकसान होना था, वह हो चुका था. मामले को ठंडा करने के लिए पहले अमित शाह का बयान आया और फिर उसके बाद नरेंद्र मोदी ने बयान दिया. यह भूलना नहीं चाहिए कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बीजेपी के अनुशासन समिति की कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. ऐसे में साध्वी को मोदी की अनदेखी महत्वपूर्ण है.
HIGHLIGHTS
- सेंट्रल हॉल में बधाई स्वीकारते समय पीएम मोदी ने की साध्वी की अनदेखी.
- आगे बढ़ने का इशारा करने से साफ है कि पीएम मोदी ने प्रज्ञा को माफ नहीं किया.
- साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता बीजेपी को डाला था धर्म संकट में.
Source : News Nation Bureau