प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जनसभा को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैं रॉबर्ट्सगंज में उस समय आया हूं, जब देश का एक बड़ा हिस्सा फिर एक बार, मोदी सरकार बनाने के लिए निश्चय कर चुका है. कोई भी देश कमजोर सरकारों के रहते शक्तिशाली नहीं बन सकता है. जितनी ज्यादा मजबूत सरकार उतना ही शक्तिशाली भारत होगा. आपका एक वोट देश में शक्तिशाली भारत का गठन करेगा. अब एक नई बहस शुरु कर दिया गया है कि मोदी की क्या जाति है. अरे कान खोल के सुन लो, इस देश के गरीबों की जो जाति है, वही मेरी जाति है. पीएम श्री 21 साल पहले आज ही का वो दिन था, जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया था, ऑपरेशन शक्ति को सफलतापूर्वक पूरा किया था. मैं उन सभी वैज्ञानिकों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपनी मेहनत से देश को गौरवान्वित किया.
PM Narendra Modi in Sonbhadra: They have now started asking what is the caste of Modi. Modi has only one caste - the caste which all the poor of this country belong to. Those who consider themselves poor, I belong to their caste. pic.twitter.com/GlQ3xi6ISS
— ANI UP (@ANINewsUP) May 11, 2019
उन्होंने कहा कि 1998 की ये ऐतिहासिक घटना बताती है कि एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति देश की सुरक्षा के लिए क्या कुछ कर सकती है. इस परीक्षण से ये साफ हो गया कि भारत के पास इतना बड़ा सामर्थ्य पहले से था लेकिन वाजपेयी सरकार से ठीक पहले की सरकार में वो हिम्मत नहीं थी कि ऐसा कर सके. जब भी देश में महामिलावटी सरकार होती है तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल देती है. याद कीजिए जब तीसरे मोर्चे की महामिलावटी सरकार थी, समाजवादी पार्टी मंत्रिमंडल में थी, तब इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था? आप जब पढ़ेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुआ कहा कि 21वीं सदी के अहम समय में भारत के वो 10 साल बर्बाद हो गए. लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों को इसका मलाल नहीं है. उनके तो सोचने का ही तरीका है "हुआ तो हुआ". देश घोटालों से घिर गया, देश का नाम दुनिया भर में बदनाम हुआ, लेकिन वो कहते रहे "हुआ तो हुआ".
सत्ता के गलियारों पर दलालों ने कब्जा कर लिया. रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वाले देश को आगे बढ़ाने के लिए बड़े फैसले नहीं ले पाए और कहते रहे- 'हुआ तो हुआ. कांग्रेस ने देश के लोगों के साथ विश्वासघात किया. देश की उम्मीदों को तोड़ा और ताल ठोक कर कहते रहे "हुआ तो हुआ". जब राष्ट्रहित के बजाय, सिर्फ अपने परिवार का हित सर्वोपरि होता है, तो यही अहंकार, यही घमंड बोलता है "हुआ तो हुआ".