प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज नेशन को दिए विशेष साक्षात्कार में मीडिया के एक वर्ग को भी खासा निशाने पर रखा. उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी अखबार या मीडिया की देन नहीं हैं. अगर होते तो अब तक बर्बाद हो चुके होते. इसके साथ ही उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि मीडिया रिसर्च करे. इसके बाद ही किसी आरोप को बार-बार दोहराए. विपक्ष तो मोदी की छवि ध्वस्त करने के लिए आरोपों का पिटारा खोले बैठे है. यह काम मीडिया का है कि वह सही प्रश्न और रिसर्च कर जनता को सच्चाई बताए.
न्यूज नेशन से बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मोदी किसी अखबार की देन नहीं है. अगर ऐसा होता तो जितनी उम्र अखबार की होती है, उतनी ही मोदी की उम्र होती. उन्होंने कहा कि 45 साल के सार्वजनिक जीवन की तपस्या से बना हुआ है मोदी, जिसे 5-50 लुटियंस ने नहीं बनाया और ना ही 5-50 मीडिया वालों ने. आज मीडिया के कंधे पर बंदूक रखकर मोदी पर गोलियां चलाई जा रही हैं, लेकिन अब तक छलनी नहीं हुआ हूं. मैं देश की सवा अरब से अधिक की आबादी की कृपा से जीवित हूं. इसीलिए आरोपों की परवाह किए बगैर उनके बारे में सोचता हूं और उनके लिए काम करता हूं.
उन्होंने उल्टे सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष समेत पूरा का पूरा विपक्ष आरोप लगाता है औऱ मीडिया बगैर जांच-पड़ताल किए, तथ्यों की जांच किए बगैर उन्हें दिखाना शुरू कर देता है. कोई एक तो उनसे सवाल पूछे कि आखिर इन आंकड़ों का आधार क्या है? यही नहीं, पीएम मोदी ने घर जाकर उस मीडिया कर्मी के सम्मान करने की बात भी कही, जो कांग्रेस अध्यक्ष से पूछेगा कि वह 30 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा कहां से लेकर आए. जो अपने आप को बहुत महान और निष्पक्ष पत्रकार मानते हैं, उन्होंने भी यह सवाल नहीं पूछा है. उनकी यह जानकारी मिले तो पता चले कि आरोप लगाने के पीछे वह कितने गंभीर हैं. उन्होंने कहा मीडिया को आलोचना करने का अधिकार है, लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है, इससे बेहतर काम करने की प्रेरणा भी मिलती है. ऐसे में तथ्यहीन आरोपों पर जवाब देकर समय बर्बाद करना अक्लमंदी नहीं है और वह इसकी परवाह भी नहीं करते.
Source : News Nation Bureau