प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा कि 2019 में मेरे सामने कोई चेहरा नहीं है. इस बार के चुनाव में जनता फैसला कर चुकी है कि बीजेपी और NDA को ही जिताना है. उन्होंने कहा- हो सकता है 2024 में माहौल बदल जाए, लेकिन 2019 को लेकर मैं निश्चिंत हूं. चुनाव के समय ASAT घोषणा पर उन्होंने कहा- क्या देश में चुनाव के समय 15 अगस्त और 26 जनवरी भी नहीं मनाए जाएंगे. पढ़ें PM Narendra Modi का पूरा इंटरव्यू:
सवाल : हाउस द जोश
पीएम : देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए चुनाव में सबसे अधिक तवज्जो मतदाताओं को देना चाहिए. एक सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- पांच साल सत्ता में रहने के बाद एक इंकमबेंट का फैक्टर रहता है.
सवाल : ASAT की उद्घोषणा आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं?
पीएम : कांग्रेस इतने साल सत्ता में रही है, उसके पास अनुभवी लोग भी हैं, लेकिन कांग्रेस के बयान में इसका अभाव नजर आता है. इस प्रकार के एडवेंचर अचानक नहीं होते.
सवाल : चुनाव के समय ASAT की घोषणा क्यों?
पीएम : हमें यही समय मिला था और हमें इसका चुनाव नहीं करना था, इसके लिए कोई ऑप्शन नहीं मिला था. क्या आचार संहिता के चलते 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी नहीं मनाएंगे. पिछली बार के चुनाव में लोग कह रहे थे कि मोदी हवा में, उसे गुजरात के बाहर कुछ पता नहीं. गठबंधन के खिलाफ हम नहीं हैं. 5 साल में जो हम कर पाए हैं, दुनिया के भी किसी देश के नेता से मिलता हूं तो उस देश के नेता का नजरिया अलग होता है. देश का जनमानस देश को अस्थिरता की ओर नहीं ले जाना चाहता.. जनता ने मन बना लिया है कि सरकार बनेगी और पूर्ण बहुमत से बनेगी और पहले की तुलना में बहुत प्रगति होगी.
सवाल : 14 फरवरी को पुलवामा हमले के समय आप कहां थे और आपको जानकारी कब मिली?
पीएम : मैं उस समय उत्तराखंड में था. जब पुलवामा में घटना हुई तो उत्तराखंड में बहुत बारिश हो रही थी, रैली भी थी और 3 बजे पहुंचना था. फिर मैंने रैली को मोबाइल से संबोधित करने का फैसला किया. बिहार में पिछले चुनाव के दौरान मेरी रैली में विस्फोट हुआ था, तब भी मैंने अपने तरीके से हैंडल किया था. बाद में लोगों को पता चला कि कुछ लोग मारे गए हैं.
सवाल : क्या आपने 24 घंटे में पुलवामा का बदला लेने का फैसला कर लिया था?
पीएम : हर काम प्रधानमंत्री नहीं करता, मेरी भूमिका क्या थी, ऐसे समय में देश की आशा के अनुरूप हमारा व्यवहार होना चाहिए. पुलवामा पर सवाल उठाने वाले नासमझ हैं.
सवाल : विपक्ष ने कहा- पुलवामा एक साजिश है, मैच फिक्सिंग शब्द का प्रयोग किया गया, ऐसा क्यों था?
पीएम : इस देश का कोई भी व्यक्ति नरेंद्र मोदी की देश भक्ति पर शक नहीं कर सकता. इस प्रकार की सोच देश की किसी राजनीतिक दल के नेतृत्व के पास है तो देश को सोचना चाहिए कि ऐसे लोग क्या करेंगे. विश्व में आतंकवाद के खिलाफ भारत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है. मुद्दा मोदी नहीं है, इस प्रकार की सोच देश के लिए खतरनाक है.
सवाल : पहले विपक्ष कहता है जो कुछ मोदी करते हैं, राजनीतिक स्वार्थ के लिए करते हैं.
पीएम : मैं पहले दिन से बोल रहा हूं आपने जितने समय में 25 लाख घर बनाए, उतने समय में हमने सवा करोड़ घर बनाए, आपने 70 साल में जितने गैस कनेक्शन दिए, मैंने 5 साल में दिए, इस पर डिबेट कर सकते हैं. यह सरकार 24*7 काम करने वाली है. हर घटना को ऐसे नहीं जोड़ा जा सकता. ऐसे लोग पाकिस्तान के पीएम की बात पर यकीन करते हैं और देश के पीएम पर भरोसा नहीं है. अभिनंदन की वापसी पर विपक्ष ने राजनीति की, जब अभिनंदन पाकिस्तान में था तो विपक्ष ने राजनीति करने का षड्यंत्र रचा था.
सवाल : क्या इमरान खान का फोन आप नहीं उठाते हैं? एयर स्ट्राइक के बाद और कुछ क्यों नहीं हुआ?
पीएम : हर बार पाकिस्तान ने मुझे भरोसा दिया है कि हम एक्शन लेंगे. अब हम उस ट्रैप में फंसना नहीं चाहते. भारत ने आतंकवादियों की सूची दी हुई है, पाकिस्तान वापस क्यों नहीं करता. जैश-ए-मोहम्मद के लोग साफ कहते हैं कि हमने किया है पर आप एक्शन नहीं लेते. हमारा झगड़ा आतंकवाद से है. जब इमरान जीते थे तो मैंने उन्हें बताया था कि युद्ध आप हार गए, आतंक में भी सफल नहीं हो पाए. हमारी एक ही मांग है- आतंकवाद से बाहर आओ. क्या आप अपेक्षा करते हैं कि देश की सुरक्षा से संबंधित विषय को टीवी मीडिया के सामने बता दूं.
सवाल : भस्मासुर, मौत का सौदागर और चौकीदार चोर है, इस पर क्या कहेंगे?
पीएम : लोगों ने अमर्यादित बयान दिया तो मैंने जवाब दिया. मैंने बचपन चाय बेचकर ही बिताया. जहां तक चौकीदार का सवाल है, यह शब्द खुद मैंने अपने लिए कहा था. चौकीदार एक व्यवस्था नहीं है, इसका मतलब टोपी, सीटी, डंडा ऐसा नहीं है. महात्मा गांधी ट्रस्टीशिप की बात करते थे, मैं उसी की बात करता हूं. यह एक स्पिरिट है. उस पर जब गलत भाषा का प्रयोग हुआ तो मैं देश के सामने गया. कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी के पास 250 जूते और कपड़े हैं. उसी दिन मेरी पब्लिक मीटिंग थी. उनका यह आरोप झूठा होते हुए भी मैं इस आरोप को स्वीकार करता हूं. कभी सुनने में आता है कि 250 करोड़ रुपये उस सीएम ने पैदा कर लिए, अब 250 करोड़ वाला सीएम चाहिए या 250 कपड़ों वाला.
सवाल : नरेंद्र मोदी ने भगोड़ों को जाने क्यों दिया?
पीएम : मेरा सबसे बड़ा गुनाह यह है कि जब मेरी सरकार बनी और बैंकों की हालत मेरे सामने आई, तब मेरे सामने दो विकल्प थे. पहला- श्वेत पत्र लाकर सबकी पोल खोल दूं, दूसरा विकल्प यह था कि मैं चुप रहूं और बदनामी झेलता रहूं और बैंकों की खस्ताहालत को सही करूं. मैं दूसरे विकल्प पर काम किया. मेरे एक्शन से उन्हें भागना पड़ा. दुनिया के किसी भी कोने में उनकी संपत्ति को भारत सरकार जब्त कर लेगी.
सवाल : क्रिश्चियन मिशेल से क्या वाड्रा फैमिली या गांधी फैमिली के लिंक हैं?
पीएम : यह मेरा काम नहीं है. मैंने उसे पकड़ने का काम किया, कानून अपना काम कर रहा है.
सवाल : राफेल पर कांग्रेस क्या किसी और मल्टीनेशनल कंपनी के इंटरेस्ट में ऐसा कर रही है?
पीएम : रक्षा सौदे पुरानी सरकारों के लिए एटीएम रहे हैं. जब तक उनका काम नहीं होता था, सेना को हथियार नहीं मिलते थे. इसलिए मैं फटाफट निर्णय कर रहा हूं. मैं जितना जल्द से जल्द हो सके सेना को आधुनिक हथियारों से लैस करना चाहता हूं.
सवाल : रॉबर्ट वाड्रा की जांच में कुछ क्यों नहीं मिला, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
पीएम : इनको नोटिस जाती है, इनको रिस्पांड करना चाहिए. कांग्रेस नेता अपने आपको राजा महाराजा मानते हैं. राजनीति द्वेष से करना होता तो हम कर देते. कोर्ट अपना काम कर रहा है, कानून अपना काम कर रहा है.
सवाल : महागठबंधन को महामिलावट कहते हैं आप, पर अंकगणित उनके पास है?
पीएम : देश की जनता इस प्रकार से निर्णय नहीं करती है. 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनती, इतने राज्यों में हमारी सरकार नहीं बनती. 2014 की तुलना में इस बार विपक्ष अधिक बिखरा हुआ है. क्या आंध्र में समझौता हुआ, बंगाल में हुआ क्या, केरल में हुआ क्या, ओडिशा में हुआ क्या. चुनाव बाद कैसे हो सकता है. देश की जनता ने एनडीए को 300+ की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है.
सवाल : क्या बीजेपी टीआरएस, बीजेडी, वाईएसआर के साथ जा सकती है?
पीएम : भारतीय जनता पार्टी और एनडीए बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. देश सहमति के आधार पर चलता है. एक जिम्मेदार राजनीतिज्ञ के नाते यह मेरा संकल्प है, मेरा दावा है और मेरा वादा है कि अगर विपक्ष का कोई दल 2 सांसद भी लाता है तो उसके साथ मुझे मिलकर काम करना है.
सवाल : कल आपने सराब कहा था, इसके बाद राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, फिर यह आप कैसे यह बात कह सकते हैं?
पीएम : सरकार चलाने के लिए पूर्ण बहुमत जरूरी होता है, देश चलाने के लिए यह काफी नहीं होता. देश की जनता ने 30 साल तक भुगता है, 5 साल अच्छा अनुभव किया है, देश की जनता पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार के पक्ष में है.
सवाल : बंगाल में सीबीआई घुस नहीं पाती, आपकी पार्टी के लोग रैली नहीं कर पाते, इतनी कड़वाहट क्यों?
पीएम : सवाल कड़वाहट का नहीं है, वहां का माहौल सही नहीं है. धीरे-धीरे देश की जनता को सब पता चल जाएगा.
सवाल : वंशवाद के साथ आपका प्रॉब्लम क्या है?
पीएम : यह मेरा प्रॉब्लम नहीं है, यह लोकतांत्रिक देश के लिए घातक है. मैं इस बात का विरोध नहीं करता हूं किसी नेता का बेटा पार्टी में शामिल हो जाता है, मैं उसका विरोध करता हूं, जिसमें पार्टियां एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी के पास चली जाती है, एक कंपनी की तरह चलती है, वो परिवार जनता के लिए अच्छा नहीं होगा. आंध्र में टीडीपी में एक परिवार की चलती है.
सवाल : चंद्रबाबू नायडू कहते हैं कि यह अंतिम चुनाव है, अगर बीजेपी जीती तो सभी संस्थाएं बंद हो जाएंगी, ऐसा क्यों?
पीएम : क्या हमारे देश के संविधान निर्माता इतने कमजोर थे कि कोई भी आकर संविधान को छिन्न-भिन्न कर देगा. मोदी को गाली देने के उत्साह में बाबा साहब, पंडित नेहरू, पटेल साहब की उपलब्धियों के साथ खिलवाड़ न करो. सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई के खिलाफ महाभियोग कौन लाया था, आपातकाल किसने लगाया था, ऐसे लोग हमें ज्ञान न दें.
सवाल : रोजगार को लेकर कोई डेटा नहीं है तो लोग आपके दावे पर सवाल उठा रहे हैं.
पीएम : जब डेटा नहीं हैं तो लोग रोजगार पर सवाल कैसे उठा रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 6 लाख लोगों को रोजगार दिया था. 4 करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना से लोन लिया था, तो उन्होंने कोई तो काम किया होगा. इतना बड़ा अभियान चल रहा है, हाइवे बन रहे हैं, क्या किसी को रोजगार नहीं मिला होता, इतने मेट्रो बने, क्या किसी को रोजगार नहीं मिला होगा.
सवाल : कांग्रेस न्याय योजना में 72 हजार रुपये देगी, क्या यह प्रैक्टिकल है?
पीएम : पंडित नेहरू भी गरीबी की बात करते थे, इंदिरा गांधी भी गरीबी की बात करती थीं, राजीव गांधी भी गरीबी की बात करते थे, सोनिया गांधी भी गरीबी की बात करती थीं, अब राहुल गांधी भी गरीबी की बात करते हैं. उनकी बात पर कौन विश्वास करेगा. 2004 का कांग्रेस का घोषणापत्र देखिए, तब इन्होंने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने की घोषणा की थी, 2009 में भी यही घोषणा की थी.
सवाल : पीएम सिर्फ 15 उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं?
पीएम : मोदी सरकार ने ढाई करोड़ घरों में बिजली दी, 9 करोड़ शौचालय बनवाए, क्या ये अदानी अंबानी हैं. ये बिना सिर-पैर के विमर्श है. इनकी अब गद्दी मिलने वाली नहीं है.
सवाल : किसी ने सोचा नहीं था कि आप नोटबंदी करेंगे.
पीएम : किसी ने मेरा नुकसान किया तो ठीक है, देश का नुकसान किया तो ठीक नहीं है और उसे भुगतना पड़ेगा.
सवाल : इस सवाल में मोदी Vs Who?
पीएम : टीआरपी का मामला है. जैसे भारत का मैच पाकिस्तान के साथ हो तो टीआरपी अधिक होती है. हो सकता है 2024 में ऐसा सवाल खड़ा हो. इसलिए जनता तुलनात्मक चेहरे की तलाश में ही नहीं है. 2014 में मेरे खिलाफ कोई नहीं था तो टीआरपी के लिए अरविंद केजरीवाल को लाया गया था. टीआरपी को लेकर मैं किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं कह रहा हूं, यह कोई खास गुट है. 2019 में कोई चेहरा मुश्किल है, 2024 में यह संभव है कि कोई आ जाए.
आखिरी सवाल : दिल्ली ने आपको स्वीकार किया या नहीं?
पीएम: दिल्ली ने स्वीकार किया या नहीं, मैं दिल्ली को बाहर लेकर गया. देश ने मुझे काम दिया है और मैं उसी संकल्प पर चलता हूं. लोकतंत्र की समृदि्ध के लिए अधिकांश मतदान में अपना योगदान दें. यह हर किसी का जिम्मा होना चाहिए. लोकतंत्र मेरी पहली प्राथमिकता है. आप वोट जरूर करें.
Source : News Nation Bureau