पश्चिम बंगाल में शनिवार को अपनी पहली रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत संक्षिप्त भाषण दिया. रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर वे उत्साहित हो गए, लेकिन रैली के आयोजकों को यह डर सताने लगा कि भीड़ के बीच कोई अनहोनी न हो जाए. बताया जा रहा है कि रैली में अनुमान से अधिक भीड़ उमड़ी थी, इतनी भीड़ कि जगह कम पड़ गई थी और लोगों को बड़ृी परेशानी हो रही थी. रैली में इतनी भीड़ उमड़ी थी कि आयोजकों को भगदड़ मचने का अंदेशा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक यह बात पहुंची और उन्हें अपनी बात को संक्षेप में खत्म करनी पड़ी.
रैली में पीएम मोदी ने कहा, यह दृश्य देखने के बाद मुझे समझ में आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई हैं. यह आप सबका प्यार है, जिसके डर के कारण लोग निर्दोषों की हत्या करने में लगे हैं. कर्जमाफी की राजनीति करके यह बजट तो एक शुरुआत मात्र है. अभी नई सरकार बनने के बाद जब पूर्ण बजट आएगी तो किसानों, युवाओं की तस्वीर साफ हो जाएगी. हमारे देश में कई बार किसानों के साथ कर्जमाफी की राजनीति करके किसानों की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की गई है. सियासी दलों ने कर्जमाफी का लाभ उठाया है. एक बार कर्जमाफी करके किसानों का कुछ भला नहीं कर रहे थे. जिन किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिलता था वे कुछ वर्षों के बाद फिर से कर्जदार बन जाते थे. अभी राज्यों में कर्जमाफी के नाम पर वोट मांगे गए. जिन्होंने कर्ज लिया नहीं उनका कर्ज माफ नहीं हुआ और जिसने लिया उनका 13 रुपया माफ हुआ, कहानी मध्य प्रदेश की है. कर्नाटक में किसानों के पीछे पुलिस लगा दी गई है. पीएम किसान योजना में 75 हजार करोड़ के खर्च का अनुमान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, नागरिकता कानून से मिलेगा जनता को उनका अधिकार मिलेगा. आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हिंदुस्तान आजाद होने के बाद देश के टुकड़े किए गए. सांप्रदायिक दुर्भावना से लोगों पर अत्याचार हुए. बांग्लादेश, पाकिस्तान से लोगों को भागकर आना पड़ा. हम नागरिकता का कानून लाए हैं. संसद में यह कानून पारित होने दीजिए, इससे जनता को उनका अधिकार मिलेगा.
Source : Uday Pratap Singh