पंजाब के मंत्रियों और विधायकों को पार्टी अलाकमान की ओर से दो-टूक चेतावनी दी गई है कि इस लोकसभा चुनाव में क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी की हार पर उन्हें सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इनमें भी सबसे ज्यादा गाज मंत्रियों पर गिरेगी, जिन्हें अपने क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार की हार पर मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान इस लोकसभा चुनाव को बेहद चुनौतीपूर्ण मानते हुए हार-जीत को बेहद गंभीरता से ले रहा है. जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, तो हार के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शने का मन भी पार्टी आलाकमान ने बनाया है. इसीलिए हार-जीत को लेकर साफ लक्ष्य दिया गया है. हालांकि इस कड़ी में मंत्रियों औऱ विधायकों को खासा नुकसान होगा, मंत्रियों को जहां मंत्री पद से हाथ धोना पड़ेगा, वहीं विधायकों को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा.
हालांकि राज्य के सीएम कैक्टन अमरिंदर सिंह इसे शाब्दिक हेरफेर के साथ अलग अंदाज में बयान करते हैं. उनके मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अपने नेताओं के प्रदर्शन का पैमाना थोड़ा ऊंचा कर दिया है. इसके लिए पंजाब में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत की जिम्मेदारी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को दी गई है. यह भी पता चला है कि इस फैसले के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बड़ा हाथ है.
कांग्रेस आलाकमान ने सिर्फ मंत्रियों और विधायकों के लिए ही लक्ष्य तय नहीं किए हैं, बल्कि पंजाब सरकार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न आयोगों और निगमों के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के पैमाने भी औऱ कड़े कर दिए हैं. इन सभी पदों पर वही शख्स काबिज होगा, जो इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष को जिताने के लिए जी-जान लगाएगा. इस बारे में कैप्टन अमरिंदर कहते हैं कि इस तरह के दिशा-निर्देशों से पार्टी में काम करने की संस्कृति का विकास होगा.
Source : News Nation Bureau