लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) को लेकर बिहार की राजनीति गरम है. पार्टियों के दिग्गज नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की किताब 'गोपालगंज टू रायसीना-माई पोलिटिकल जर्नी' आने के बाद आरजेडी और जेडीयू आमने-सामने आ गए हैं. किताब में जिक्र है कि महागठबंधन से बाहर होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने दोबारा वापस आने की कोशिश की थी. इस पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दावा किया है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके पति लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जेडीयू का विलय का प्रस्ताव दिया था.
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राबड़ी देवी ने कहा, प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद से मुलाकात की थी और प्रस्ताव रखा था कि आरजेडी और नीतीश कुमार के जेडीयू का विलय हो जाए और इस प्रकार बनने वाले नए दल को चुनावों से पहले अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किशोर लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इनकार करते हैं तो वह 'सफेद झूठ' बोल रहे हैं.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी ने कहा, मैं इससे बहुत नाराज हो गई और उनसे निकल जाने को कहा, क्योंकि नीतीश के धोखा देने के बाद मुझे उन पर भरोसा नहीं रहा. बता दें कि राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी हैं. साल 2017 में नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए थे.
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राबड़ी देवी ने कहा, हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने हमसे कम से कम पांच बार मुलाकात की. इनमें से अधिकांश तो यहीं (दस सर्कुलर रोड) पर हुईं और एक-दो मुलाकात पांच नंबर (पांच देशरत्न मार्ग-छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के आवास) पर हुईं. हाल में प्रकाशित अपनी आत्मकथा में लाल प्रसाद यादव ने दावा किया था कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के दूत के तौर पर उनसे मुलाकात की थी और यह प्रस्ताव रखा था कि मुख्यमंत्री की पार्टी को महागठबंधन में फिर से शामिल कर लिया जाए.
Source : News Nation Bureau