सियासत के केंद्र में जन्मे.. सत्ता के लिए कर रहे संघर्ष, जानें कैसा रहा राहुल गांधी का 20 सालों का सियासी सफर

लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है. देशभर की तमाम राजनीतिक पार्टियां जनमत हासिल करने के लिए मैदान में है. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जोरो शोरों से पार्टी प्रचार-प्रसार में जुटे हैं.

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Sourabh Dubey
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rahul gandhi ( Photo Credit : social media)

Rahul Gandhi Profile: लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है. देशभर की तमाम राजनीतिक पार्टियां जनमत हासिल करने के लिए मैदान में है. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जोरो शोरों से पार्टी प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. हाल ही में खबर आई थी कि, गांधी दोबारा केरल की वायनाड लोकसभा सीट से मैदान में हैं. इससे पहले वह गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाली उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से बतौर सांसद चुने जाते थे, हालांकि भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हार के बाद अमेठी और राहुल का ये सियासी रिश्ता टूट गया... राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जाते हैं, लिहाजा इस लोकसभा चुनाव के नतीजे उनके लिए काफी महत्व रखते हैं. इसलिए चलिए उनके सियासी सफर पर एक नजर डालें.

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शुरुआती जीवन  

राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 में दिल्ली में हुआ था. वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे हैं. राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में सेंट कोल्बा के स्कूल में हुई थी. इसके बाद, 1981 से 1983 तक, उन्होंने उत्तराखंड के देहरादून में दून स्कूल में आगे की पढ़ाई की. साल 2004 में राहुल गांधी ने राजनितिक जगत में कदम रखा था. उन्होंने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए. 

ऐसा रहा सियासी सफर

2007 में राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के महासचिव बनाए गए. इसके साथ ही उन्हें यूथ कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का प्रभार दिया गया. 2009 का लोकसभा कांग्रेस के पाले में था, पार्टी ने कुल 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. कई कांग्रेसियों ने दावा किया कि, इस जीत का श्रेय काफी हद तक राहुल गांधी को जाता है. उन्होंने इसके लिए देशभर में 6 हफ्तों में कुल 125 रैलियां की थी.

इसके बाद 19 जनवरी 2013 को राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष का दारोमदार सौंपा गया. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी से विजयी हासिल की, हालांकि केंद्र में कांग्रेस को अपनी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. वहीं अगले लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें इसी सीट से हार का सामना करना पड़ा, जहां भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें सियासी पटखनी दी.

इसलिए सुर्खियों में भी रहे राहुल

हालांकि मुश्किल से कोई नेता होता है, जो सियासत के सितम से बच पाता है. वरना सभी एक न एक बार इसका शिकार जरूर होते हैं. राहुल गांधी भी कई बार इसी के चलते सुर्खियों में रहे, खासतौर पर ऐसे दो मौके, जिन्होंने देशभर में सुर्खियां बटोरी... 

पहला तब, जब उन्हें 11 मई 2011 में भट्टा परसौल गांव से उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दरअसल इस वक्त वह किसानों की जमीन के जबरदस्ती सस्ते दामों में अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे. वहीं दूसरी बार तब, जब 16 दिसंबर को हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस दौरान गांधी ने निर्भया के दोनों भाइयों की शिक्षा का खर्च उठाने का फैसला किया था.

Source : News Nation Bureau

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