17वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस (Congress) के लिए शुभ संकेत बनकर नहीं आए हैं. शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWS) की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस्तीफा देकर और फिर अड़े रहकर चौका दिया था, तो शाम होते-होते मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने भी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया. इन नाटकीय घटनाक्रमों के बीच खबर आ रही है कि राजस्थान कांग्रेस में भी नतीजों के बाद स्थितियां सामान्य नहीं रह गई हैं. राज्य में नेतृत्व में बदलाव के सुर उठने लगे हैं.
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हार के लिए एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की होड़
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में नेतृत्व परिवर्तन के उठते सुरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी की पराजय के कारणों को गिनाने गुरुवार से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य में 24 सीटें जीती, जबकि एक अन्य सीट पर उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीत दर्ज की है. विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) जीतने के बाद कांग्रेस की यह हार काफी शर्मनाक रही, क्योंकि पार्टी अभी छह महीने पहले ही राज्य में सत्ता में आई है.
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सत्ता के दो केंद्र हैं जिम्मेदार
राजस्थान कांग्रेस की इस दुर्गति के लिए राज्य कांग्रेस में सत्ता के दो केंद्र (Two Power Centre) बनना है. इस कारण पार्टी में स्थितियां खराब हुईं और लगातार हो रही हैं. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का ठीकरा जिस तरह एक-दूसरे के सिर फोड़ने की कवायद चल रही है, उससे माहौल और बिगड़ेगा ही. राज्य कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान (Congress Leadership) ने उन्हें काम करने की पूरी छूट नहीं दी है. पार्टी के पुराने नेताओं ने राज्य कांग्रेस की बागडोर युवा नेतृत्व को सौंपने में जो हीला-हवाली दिखाई है, सब उसी का खामियाजा है.
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बीजेपी ने मांगा इस्तीफा
राज्य कांग्रेस के कुछ नेता स्पष्ट लहजे में कह रहे हैं कि जयपुर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़, रातसमंद, अजमेर और भीलवाड़ा सहित कम से कम छह सीटों पर गलत लोगों को टिकट दिए गए. इस कारण पार्टी को यह दिन देखना पड़ा. इस बीच बीजेपी ने सीएम अशोक गहलोत से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग कर दी है. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने उदयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'गहलोत पूरे राज्य में और खुद के क्षेत्र में अपने बेटे को जिताने के लिए दौड़ते रहे.' लेकिन वह किसी को नहीं जिता पाए. 'उन्हें पद इस्तीफा दे देना चाहिए.'
HIGHLIGHTS
- लोकसभा नतीजे कांग्रेस के लिए नहीं साबित हो रहे शुभ.
- कांग्रेस शासित राज्यों में उठा-पटक तेज.
- अब राजस्थान में उठी नेतृत्व में बदलाव की आवाज.
Source : News Nation Bureau