राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी की कामना करते कार्यकर्ताओं से बोले गए शब्द भारी पड़ सकते हैं. चुनाव आयोग द्वारा कल्याण सिंह के वक्तव्य को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'आवश्यक कार्रवाई' के लिए फाइल केंद्र को भेज दी है.
स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह अपने किस्म का पहला मामला है, जिसमें प्रधानमंत्री के दौबारा सत्तारूढ़ होने की जरूरत बताते और उनकी सराहना करते हुए किसी राज्यपाल को आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन के मामले में दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि अलीगढ़ के अतरौली में होली के दौरान टिकट वितरण से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कल्याण सिंह ने कहा था, 'हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और हम सभी चाहते हैं कि पार्टी ही जीते. हम चाहते हैं कि मोदीजी फिर से प्रधानमंत्री बनें. मोदीजी दोबारा पीएम बनें यह बहुत जरूरी है.'
इसके पहले नब्बे के दशक में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल गुलशेर अहमद को अपने बटे के लिए प्रचार करते पाए जाने पर निर्वाचन आयोग ने नाखुशी और असंतोष जाहिर किया था. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था.
कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के अगुआ नेता रहे हैं. वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. उन्होंने 1999 में भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन 2004 में वह वापस बीजेपी में लौट आए थे. इसके बाद 2014 में बीजेपी के केंद्र में आते ही उन्हें राज्यपाल के पद से उपकृत किया गया.
Source : News Nation Bureau