कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, उन्होंने इस बारे में पार्टी को सूचित कर दिया है. इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार रात उम्मीदवारों की अपनी लिस्ट में पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण सीट अमरोहा सीट से राशिद अल्वी को प्रत्याशी बनाया था. इसे कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा था क्योंकि उनके सामने एसपी-बीएसपी के गठबंधन के प्रत्याशी दानिश अली मैदान पर थे. दानिश अली हाल ही में जेडी (एस) से बीएसपी में शामिल हुए थे.
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राशिद ने न्यूज़ नेशन से बातचीत में कहा कि शरद यादव के दिए बयान से मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि, बीजेपी पाकिस्तान का नाम लेकर हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक राजनीति करना चाहती है. दुश्मन देश तो चीन भी है, लेकिन चीन का नाम लेकर बीजेपी या सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आता. इशारों में चीन मुस्लिम बहुल देश नहीं है जबकि पाकिस्तान मुस्लिम बहुल देश है.
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चुनाव लड़ने को लेकर उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने Off the record कहा, ' चुनाव लड़ने या ना लड़ने को लेकर मैं अभी कोई औपचारिक बयान नहीं देना चाहता." राशिद अल्वी संभवत न्यूज़' नेशन के कॉन्क्लेव में ही बोलेंगे . अभी तक सभी चैनलों को इस मुद्दे पर बात करने से इंकार कर दिया है राशिद अल्वी ने... गौरतलब है कि कल शाम प्रथम चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, जिस समय राशिद अल्वी न्यूज़ नेशन के कॉन्क्लेव में होंगे.
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राशिद अल्वी ने अनौपचारिक बातचीत में माना कि वह चुनाव नहीं लड़ने जा रहे. अगर चुनाव लड़ते हैं तो तीसरे नंबर पर आएंगेॆ. कांग्रेस को चाहिए था कि वह पहली लिस्ट में ही राशिद अल्वी का नाम रखे, दूसरी सूची में भी राशिद अल्वी का नाम उत्तर प्रदेश में नहीं था. कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी और राहुल गांधी एच डी देवगौड़ा के दबाव में काम कर रही हैं. देवगौड़ा के कहने पर ही महागठबंधन ने अमरोहा से उतारा है मुस्लिम उम्मीदवार. जिसके बाद कांग्रेस का जितना संभव है इस बात की शिकायत प्रत्यक्ष रूप से राशिद अल्वी प्रियंका गांधी वाड्रा से भी कर चुके हैं.
Source : Rahul Dabas