उत्तर प्रदेश से अपने गढ़ अमेठी के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दक्षिण भारत के केरल से चुनाव लड़ना जहां सियासी हल्कों में बहस का एक बड़ा मुद्दा बन गया है वहीं वायनाड सीट पर अल्पसंख्यकों की आबादी भी खासे चर्चा में है. सोशल मीडिया से लेकर मीडिया में इस बात की चर्चा है कि राहुल गांधी अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या ज्यादा होने के कारण वायनाड को चुना ताकि वहां से वो आसानी से जीत हासिल कर सकें.
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गुरुवार को राहुल गांधी ने वायनाड से अपना नामांकन दाखिल किया. इस सीट से राहुल की जबसे चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हुई थी तभी से वो विपक्ष के निशाने पर हैं. बीजेपी का कहना है कि वो अमेठी में चुनाव हारने के डर से वायनाड गए हैं. बता दें कांग्रेस के लिए अमेठी उसका गढ़ है. 16 बार यह सीट कांग्रेस जीत चुकी है जबकि वायनाड दो बार. लेकिन राहुल गांधी को लगता है कि वायनाड में अल्पसंख्यक मत एकतरफा कांग्रेस को मिलेंगे. ऐसे में वायनाड के अल्पसंख्यक वोटरों को लेकर बहस जारी है.
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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वायनाड संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या सर्वाधिक है. वायनाड लोकसभा क्षेत्र में सवा 13 लाख वोटरों में 56 फीसद मुस्लिम वोटर हैं. वहीं यूडीएफ की दूसरी सबसे बड़ी साझेदार इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का इस क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है. जहां तक वायनाड जिले की बात है तो यहां हिंदू आबादी 49.7 प्रतिशत है, जबकि ईसाई 21.5 फीसद और मुस्लिम 28.8 प्रतिशत हैं. हालांकि, मलप्पुरम में 70.4 प्रतिशत मुस्लिम, 27.5 प्रतिशत हिंदू और 2 प्रतिशत क्रिस्चन हैं.
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अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या को लेकर सोशल मीडिया में भी बहस तेज है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चौधरी ने वायनाड जिले के वोटरों की धर्मवार संख्या ट्वीट की है. उन्होंने ने यह ट्वीट एक यूजर ने कहा कि #Wayanad में हिंदू अल्पसंख्यक हैं राहुल गांधी जिस दूसरी सीट से चुनाव लड़ रहें हैं.
Hello Amish ji,
Someday I hope to see you speak , tweet and debate on facts. Someday.
Meanwhile a quick fact check. pic.twitter.com/Mjh0p7bUA9
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 31, 2019
बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड लोकसभा सीट पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस कैंडिडेट एमआई शानवास को एलडीएफ (सीपीएम) के सत्यन मोकेरी से कुल पड़े वोटों में से 1.81 प्रतिशत ज्यादा मत हासिल हुए थे. शानवास को 3,77,035 और मोकेरी को 3,56,165 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी के पीआर रस्मिलनाथ को 80,752 मत हासिल हुए थे. यूडीएफ यानी कांग्रेस को यहां 41.2 प्रतिशत और एलडीएफ को 39.39 प्रतिशत वोट मिले थे.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA