लोकसभा चुनाव 2019 में तमाम कयासों को दरकिनार कर मोदी सरकार 2014 से भी बड़ी जीत दर्ज की है. प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी 542 लोकसभा सीटों में से अकेले 303 सीटों पर भगवा परचम लहराई है. एनडीए ने इस बार 353 सीटों पर जीत हासिल की. 2014 के चुनाव में एनडीए ने 336 और बीजेपी ने 282 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए का रुतबा बढ़ता गया और देश के नक्शे पर केसरिया छाता गया. आइए देखें पिछले तीन चुनावों में देश के राजनीतिक नक्शे में किस तरह का बदलाव आया..
लोकसभा चुनाव 2019 में तमाम कयासों को दरकिनार कर मोदी सरकार 2014 से भी बड़ी जीत दर्ज की है. प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी 542 लोकसभा सीटों में से अकेले 303 सीटों पर भगवा परचम लहराई है. एनडीए ने इस बार 353 सीटों पर जीत हासिल की. 2014 के चुनाव में एनडीए ने 336 और बीजेपी ने 282 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए का रुतबा बढ़ता गया और देश के नक्शे पर केसरिया छाता गया. आइए देखें पिछले तीन चुनावों में देश के राजनीतिक नक्शे में किस तरह का बदलाव आया..
2009 लोकसभा चुनावः यूपीए - 262, बीजेपी-116( एनडीए – 159)
2014 लोकसभा चुनाव ः बीजेपी – 282, (NDA – 336) कांग्रेस - 44 (UPA – 58)
2019 लोकसभा चुनावः बीजेपी-303 (NDA – 353), कांग्रेस+ 96
1984 लोकसभा चुनावः इंदिरा गांधी की हत्या के बाद चुनाव: कांग्रेस – 414, टीडीपी – 30, बीजेपी-2
1984 के आम चुनाव में देशभर में इंदिरा की हत्या के बाद सहानूभूति लहर चल रही थी. बीजेपी पहली बार चुनाव लड़ रही थी. इस चुनाव बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी बाजपेयी भी इस लहर में डूब गए. लेकिन अपने पहले ही चुनाव में बीजेपी ने खाता खोल लिया और 2 सीटें जीतीं. पहली सीट हनामकोड़ा (आंध्रप्रदेश) की थी, जहां से बीजेपी के चंदूपाटिया रेड्डी ने कांग्रेस के बड़े नेता नरसिम्हा राव को पटखनी दी थी. 1984 की इंदिरा सहानूभूति लहर के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीवी नरसिम्हा राव को 209564 जबकि 263762 वोट मिले थे और नरसिम्हाराव चुनाव हार गए थे. हालांकि इसके सात साल बाद 1991 में हुए आम चुनावों में नरसिम्हाराव नांदियाल सीट से रिकॉर्ड मतों से जीते और पीएम भी बने.
दूसरी सीट मेहसाणा( गुजरात) की थी. 1984 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को गुजरात के मेहसाणा में एके पटेल ने जीत दिलाई थी. उन्होंने कांग्रेस के आरएस कल्याणभाई को हराया था. एके पटेल को 287555 और कांग्रेस के रायनका सागरभाई कल्याणभाई को 243659 वोट मिले थे. इसके बाद चुनाव दर चुनाव बीजेपी का ग्राफ बढ़ता गया. एकाध मौके ऐसे भी आए जब बीजेपी को कम सीटें मिलीं.
- 1989 लोकसभा चुनाव : राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत: कांग्रेस – 197, बीजेपी – 85, जनता दल – 143
- 1991 लोकसभा चुनाव: कांग्रेस - 244, बीजेपी – 120, जनता दल – 69
- 1996 लोकसभा चुनाव: कांग्रेस – 140, बीजेपी - 161, जनता दल – 40
- 1998 लोकसभा चुनाव : बीजेपी – 182, कांग्रेस – 141, जनता दल – 6
- 1999 लोकसभा चुनाव :बीजेपी - 182, कांग्रेस - 114, सीपीआई (एम) - 33
- 2004 लोकसभा चुनाव ः यूपीए - 217, एनडीए – 182