इस बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. उनकी सरकार मंत्री रहे स्वामी ने कहा कि चौकीदार मुहिम का क्या फायदा ? केंद्र सरकार बने 5 साल हो गए हैं , लेकिन मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने और घोटालों को उजागर करने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. जो भी किया प्राइवेट मेंबर के तौर पर मैंने किया. इशारों में स्वामी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने गंभीर प्रयास किए होते तो नेहरू गांधी परिवार पर होती कड़ी कार्रवाई.
भारतीय अर्थव्यवस्था डूब रही है, जेटली पर निशाना
अरुण जेटली पर गंभीर निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को कहा है, जिस दिन जेटली मेरा पीछा करना पीछे से मेरी बुराई करना छोड़ देंगे, मैं भी उन पर बोलना छोड़ दूंगाष मैं बीजेपी का सांसद हूं लिहाजा जेटली के खिलाफ सबूत देना मेरा काम नहीं, वरना सोनिया गांधी के परिवार के भ्रष्टाचार को उजागर कौन करेगा. लेकिन देश की अर्थव्यवस्था डूब रही है देश को एक अर्थशास्त्री चाहिए, जो वित्त विभाग संभाल सके. स्वामी ने यह कहा कि जिसे भी भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी हो उसे यह कार्यभार अगले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे, लेकिन वह अगर मगर की डगर पर वित्त मंत्रालय के पद पर दवा नहीं करना चाहते.
प्रियंका से उम्मीद ना रखे राम भक्त
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा अभी भी हर रविवार चर्च जाती है ,वह इसाई है. उन्होंने अपने पिता के हत्यारों को माफी देने की अपील की, जबकि उस आतंकवादी हमले में 18 पुलिसवाले भी शहीद हुए थे. उनसे राम नाम और राम भक्ति की उम्मीद ना रखें.
कांग्रेस ने लिखा है दंगों का इतिहास
सुब्रमण्यम स्वामी बोले,"भागलपुर से लेकर 1984 सिख दंगों तक बीजेपी पर निशाना साधने से पहले कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए, कि उनके शासनकाल में दंगों का इतिहास कितना बड़ा है और कितनी बार है."
पाकिस्तान है चुनावी मुद्दा
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान भारत विरोधी काम करें और पाकिस्तान का बीजेपी के मुख्यमंत्री नाम ना ले यह कैसे हो सकता है. पाकिस्तान चुनावी मुद्दा नहीं है यह कांग्रेस कैसे तय कर सकती है. जहां तक प्रियंका का गन्ना किसानों को लेकर सवाल है तो यह सवाल पहले कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहिए कि 70 सालों में उन्होंने रोजगार और किसानों के लिए क्या किया.
Source : Rahul Dabas