कांग्रेस ने आज यानी मंगलवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. 'जन आवाज' नाम से जारी कांग्रेस के इस घोषणा पत्र को बीजेपी के तमाम नेता हवा हवाई और देश को तोड़ने वाला बता रहे हैं. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि इंदिरा गांधी पर जनता ने एक बार गरीबी हटाओ किनारे पर के साथ भरोसा कर लिया पर राहुल गांधी पर जनता भरोसा नहीं करने वाली. आज के युवा जानकार है, वह गूगल करके देख लेते हैं कि कौन झूठ बोल रहा है. वह अपने माता पिता को भी समझा सकते हैं कि, राहुल गांधी के वादों पर भरोसा नहीं हो सकता. राहुल गांधी के वादे और कांग्रेस का घोषणा पत्र गोल है और गोलगप्पा भी.
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हवा हवाई है कांग्रेस का घोषणा पत्र
यह बात ठीक है कि बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. यह भी ठीक है कि खाली पड़े पदों को भरना चाहिए लेकिन, रिक्त पदों को भरने के लिए भी योग्यता चाहिए ,किसी को भी जबरदस्ती नहीं भरा जा सकता. ऊपर से कांग्रेस अपने दम पर तो सरकार बना नहीं सकती और गठबंधन की सरकारों का घोषणा पत्र नहीं कॉमन मिनिमम प्रोग्राम होता है.
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आर्थिक आधार पर चुनाव में गए तो हार जाएंगे चुनाव
एक तरफ जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली कांग्रेस के मैन्यूफैक्चर को विफल करार दे रहे हैं ,वहीं जेटली का नाम लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, केंद्र सरकार की आर्थिक नीति फेल साबित हुई है. जेटली अर्थव्यवस्था संभाल नहीं पा रहे हैं और अगर आर्थिक मोर्चे के आधार पर बीजेपी चुनाव में गई तो हार का मुंह देखना होगा. इससे पहले पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेई की सरकार भी आर्थिक नीति और भारत उदय के नाम पर चुनाव हार चुकी है.
राष्ट्रीय सुरक्षा ही है जीत का मंत्र
केंद्र की बीजेपी सरकार ने पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अच्छा काम किया है. इसी को आधार बनाकर बीजेपी के चुनाव में जाना चाहिए, आर्थिक मोर्चे पर सफल नहीं रही है केंद्र सरकार.
कांग्रेस के घोषणापत्र की बड़ी बातें
- गरीब लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे.
- कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो 22 लाख खाली पदों को मार्च 2020 तक भर देगी.
- 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार दिया जा सकता है.
- हिन्दुस्तान के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए किसी तरह की कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी.
- मनरेगा के तहत 100 से 150 दिन गारंटी रोजगार कर दिया जाएगा.
- किसान अगर कर्ज नहीं चुका पा रहा है तो इससे सिविल अपराध माना जाएगा.
- शिक्षा सेक्टर के लिए हमने तय किया है कि जीडीपी का छह फीसदी पैसा हिन्दुस्तान की शिक्षा के लिए दिया जाएगा.
Source : Rahul Dabas