हाल ही में चुनाव आयोग ने तीन आईपीएस अफसरों के तबादले किए हैं, जिनमें खुफिया पुलिस के महानिदेशक भी शामिल हैं. इस पर सत्ताधारी तेलुगुदेशम पार्टी के नेता के. राममोहन राव ने कड़ी आपत्ति जताई है और विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा- यह निर्णय टीआरएस और बीजेपी की सोची-समझी साजिश है.
उन्होंने कहा- प्राकृतिक न्याय के उचित प्रक्रियाओं और सिद्धांतों का पालन किए बिना वाईएसआर कांग्रेस की तुच्छ शिकायत पर चुनाव आयोग द्वारा यह कार्रवाई की गई है. यह न केवल अनुचित है, बल्कि असंवैधानिक भी है.
के. राममोहन राव ने यह भी कहा- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को सबसे अधिक सुरक्षा का खतरा है. उनकी हत्या की कोशिश की जा चुकी है. उन्हें ज़ेड+ सिक्योरिटी दी गई है. खुफिया जानकारी से ही सुरक्षा की निगरानी होती है, लेकिन खुफिया अधिकारी के तबादले से उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है.