पिछले पांच राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस ने साफ्ट हिन्दुत्व के सहारे बीजेपी की सरकार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से उखाड़ फेंका था. इसी मूल मंत्र को कांग्रेस एक बार फिर लोकसभा चुनाव में जाप करना चाहती है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब महासचिव प्रियंका गांधी उनकी राह पर चल पड़ीं हैं. अपनी बोट यात्रा के दौरान उन्होंने न केवल गंगाजल का आचमन किया बल्कि मंदिरों में मत्था भी टेका.
प्रियंका गांधी वाड्रा के इस साफ्ट हिंदुत्व पर तंज कसते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह हमारी वैचारिक जीत है कि, वह कभी गंगा के सहारे होते हैं कभी राम राम जपते हैं , लेकिन हमें राम मंदिर की उम्मीद कांग्रेस से नहीं. अगर प्रियंका के पिता (राजीव गांधी) ने ताले खुलवाए थे, तो उनकी पार्टी राम मंदिर की राह में रोड़े क्यों अटका रही हैं.
सपा-बसपा की तरह बचाते नहीं हर घटना के बाद होती है दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि एटा और गुड़गांव की घटना निंदनीय है ,लेकिन हम सपा और बसपा सरकार की तरह दोषियों को बचाने का काम हरगिज़ नहीं करते ,दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का काम करते हैं. विपक्ष इन घटनाओं को सांप्रदायिक रंग ना दे.
काम के आधार पर लड़ रहे हैं चुनाव
शिक्षकों से लेकर गन्ना किसानों का मुद्दा उठाने वाली प्रियंका पर जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विपक्षियों को देखना चाहिए कि 5 साल की मोदी सरकार और 2 साल की योगी सरकार ने कितना विकास किया है. इसी आधार पर हम जा रहे हैं जनता के बीच.
Source : Rahul Dabas