कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े डीएस हुड्डा को राष्ट्रीय सुरक्षा टास्क फोर्स की कमान सौंपी तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तंज कसा. अरुण जेटली ने कहा कि अब कांग्रेस को राष्ट्रीय मुद्दे पर पाठ पढ़ाना पड़ रहा है, जबकि देश में पांच दशक तक कांग्रेस की सरकार रही है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी को ऐसे संकेत नहीं देने चाहिए कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर बंटा हुआ है.
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वित्त मंत्री ने लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा के अनुभव का संज्ञान लेते हुए कहा, मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि वह कांग्रेस को अपना मूल्यवान सुझाव देंगे. उन्होंने अपने ब्लाग में लिखा कि सेवानिवृत सैन्य अधिकारी की नियुक्ति सर्जिकल स्ट्राइक को देर से प्रदान की गई मान्यता एवं स्वीकृति है, जिससे हुड्डा जुड़े थे. उन्होंने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि डीएस हुड्डा नेताओं को इस बारे में बताएगा कि सर्जिकल स्ट्राइक नियमित कदम नहीं था, जो अतीत में उठाए गए बल्कि भारत के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम था. कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया जाता रहा है.
गौरतलब है कि उड़ी हमले के बाद भारत ने 2016 में गुलाम कश्मीर में आतंकियों के अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. वहीं, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमला किया था, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसे लेकर भारत लगातार पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बना रहा है. इस पर पाकिस्तान भी अपने देश के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
Source : News Nation Bureau