कहने को तो कांग्रेस महासचिव और प्रखर प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला सशक्तिकरण औऱ सम्मान के चलते पार्टी से इस्तीफा दिया है. हालांकि इसकी एक बड़ी वजह फिल्म अभिनेत्री से नेता बनीं उर्मिला मातोंडकर हैं. उन्हें टिकट दिया जाना प्रियंका को खासा नागवार गुजरा था और उन्होंने अपनी भावनाओं से पार्टी आलाकमान को अवगत भी करा दिया था, लेकिन उनकी राय को तवज्जो नहीं मिलने से प्रियंका ने यह कदम उठाया और शिवसेना से नाता जोड़ लिया.
गौरतलब है कि मुबंई में पली-बढ़ीं प्रियंका 2010 में कांग्रेस में शामिल हुई थीं और महज दो सालों में ही उन्हें उत्तर पश्चिम मुंबई युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया. प्रखर वक्ता होने से पार्टी में उनका कद बढ़ता गया और वह महासचिव बना दी गईं. हाल के दौर में तो प्रियंका चतुर्वेदी इंगिल्श चैनल्स पर होने वाली बहसों के लिए कांग्रेस का चेहरा सा बन गई थीं.
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बताते हैं कि प्रियंका मुंबई कांग्रेस में चल रहे घमासान से भी खासी चिंतित थी, लेकिन इसमें भी वह अपने लिए रास्ता देख रही थीं. उन्हें लग रहा था कि ऐसे समय जब कोई भी स्थानीय कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता है, तो उन्हें पूर्वी मुंबई से टिकट आसानी से मिल जाएगा. इस बाबत उन्होंने आलाकमान को संकेत भी दिए. हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को टिकट दे दिया.
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सूत्रों के मुताबिक इसके बाद से ही प्रियंका चतुर्वेदी की शिवसेना ने बात शुरू हो गई थी. मथुरा के प्रकरण ने आग में घी डालने का काम किया और महिला सशक्तिकरण और महिला सम्मान की दुहाई देकर प्रियंका ने कांग्रेस छोड़ दी. साथ ही एक समय रातों रात पार्टी या विचारधारा बदलने वाले लोगों पर तंज कसने वाली प्रियंका चतुर्वेदी चंद घंटों में ही शिवसेना में शामिल हो गईं.
Source : News Nation Bureau