2012 एमसीडी चुनाव से लेकर दिल्ली में अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं उनमें पूर्वी दिल्ली लोकसभा के जामिया नगर ओखला में बूथ नंबर 46 पर पहला वोट संजर आलम का ही होता है. संजर दिल्ली में पिछले 6 चुनावों से लगातार बतौर पहले वोटर अपने बूथ पर खड़े होते हैं.संजर युवा हैं . अपनी वोट की ताक़त को समझते हैं . इन सबके अलावा शायद ये उनका जूनून ही है की वो हर चुनाव में सुबह उठकर न सिर्फ वोट डालने जाते हैं . बल्कि चुनाव शुरू होने से एक घंटा पहले ही अपने बूथ पर पहुँच जाते हैं ताकि वोटिंग जब शुरू हो तब ईवीएम का बटन दबाने वालों में पहला नाम उनका ही हो.
संजर ने पहली बार 2012 में दिल्ली के एमसीडी चुनाव में अपना वोट डाला. दूसरी बार 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाला . तीसरी बार 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला . चौथी बार 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाला. पांचवीं बार 2017 में एमसीडी चुनाव में वोट डाला . और आज छठी बार 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला है
संजर बतौर पहले वोटर बनकर उन लोगों को सन्देश देना चाहते हैं, जो सरकार के काम काज में खामियां तो निकालते हैं . लेकिन वोट देने का वक़्त जब आता है तो कोई न कोई बहाना तलाश लेते हैं.
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पेशे से बतौर Electronics इंजिनियर 28 वर्षीय संजर खुद को सोशल वर्कर बताते हैं . वो कहते हैं की रमज़ान में रोज़ा से होने के बावजूद उन्हें पोलिंग बूथ पर वक़्त से एक घंटा पहले पहुँचने में कोई दिक़्क़त नहीं हुई . संजर जैसे युवा रमज़ान के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों का जवाब है.
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पिछले दिनों रमज़ान में वोटिंग को लेकर कुछ लोगों ने एतराज़ जताया था . जिसके बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गयी थी . हालांकि चुनाव आयोग ने रमज़ान की वजह से वोटिंग का वक़्त बदलने से इनकार कर दिया था.
HIGHLIGHTS
- पहली बार 2012 में दिल्ली के एमसीडी चुनाव में अपना वोट डाला.
- दूसरी बार 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाला .
- तीसरी बार 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला .
Source : Sajid Asharf