उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना तीसरा बजट पेश किया. राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने इस बजट के जरिये यूपी के विकास के साथ-साथ लोकसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश की है. यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं. जहिर है दिल्ली पहुंचने के लिए यूपी से होकर ही जाना पड़ेगा. बीजेपी की कोशिश है अपने 2014 वाले नतीजों को फिर से दोहराए.
इस बजट में योगी सरकार ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है. यूपी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 479,701.10 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. यह पिछले वित्त वर्ष 2018 19 से 12% ज्यादा है.
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पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ओर से प्रियंका के ट्रंप कार्ड को बेकार करने के लिए योगी सरकार ने पूर्वांचल के लिए खजाने का मुंह खोल दिया है. एक तरफ केंद्र सरकार के आम बजट के सभी बड़े ऐलानों का सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को ही होने वाला है. गरीब किसानों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. ऐसे में केंद्र सरकार की गरीब किसानों को 6 हजार रुपये वार्षिक तौर पर मिलने वाली योजना का सबसे ज्यादा लाभी उत्तर प्रदेश को होगा.
पूर्वांचल पर खास मेहरबानी
- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हेतु 1194 करोड़ रुपए, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हेतु 1000 करोड रुपए
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे हेतु 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था
- बाढ़ नियंत्रण के लिए 1,100.61 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है वित्त मंत्री
- वाराणसी मेरठ गोरखपुर प्रयागराज एवं झांसी में मेट्रो रेल परियोजना के प्रारंभिक कार्य हेतु 150 करोड़ की व्यवस्था
- सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 1812 करोड़ की व्यवस्था
- दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की अवस्थापना मद के लिए ₹6300000 की व्यवस्था
- संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय हेतु 21 करोड़ 51 लाख रुपए की व्यवस्था
- बनारस काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान केंद्र के लिए 16 करोड़
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Source : News Nation Bureau