दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान जारी है. दोपहर 5 बजे तक शांतिपूर्ण माहौल के बीच करीब 58.61 प्रतिशत वोट पड़ चुके हैं. प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चंद्र राय का कहना है कि दूसरे चरण में राज्य की आठ सीटों नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा और फतेहपुर के लिये लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है.
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3 बजे तक औसतन 50.39 प्रतिशत मतदान हो चुका है. 3 बजे तक नगीना में 51.67 प्रतिशत, अमरोहा में 54.62, बुलंदशहर में 52, अलीगढ़ में 48.80, हाथरस में 49.19, मथुरा में 48.10, आगरा में 49.07 और फतेहपुर सीकरी में 49.70 प्रतिशत वोट पड़ चुके हैं.
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इन आठ सीटों में सपा-बसपा और रालोद गठबंधन में 6 सीट पर बसपा प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि सपा और आरएलडी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. 8 सीटों पर 1.40 करोड़ मतदाता 85 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. इनमें 11 महिला उम्मीदवार हैं. उत्तर प्रदेश में 11 अप्रैल को पहले चरण में भी 8 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 63 फीसदी वोट पड़े थे.
इनके बीच है मुकाबला
नगीना
नगीना लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के आरक्षित है. यहां से बसपा के गिरीश चंद्र मैदान में है. जबकि बीजेपी ने मौजूदा सांसद यशवंत सिंह और कांग्रेस ने पूर्व IAS आरके सिंह की पत्नी ओमवती पर दांव लगाया है. इस सीट पर गठबंधन और कांग्रेस दोनों की नजर दलित और मुस्लिम वोटों पर है. जबकि बीजेपी राजपूत और गैर जाटव दलित के साथ-साथ जाट मतदाताओं को अपने पाले में रखकर दोबारा से जीत का परचम फहराना चाहती है.
अमरोहा
अमरोहा लोकसभा सीट से बीएसपी ने जेडीएस से आए कुंवर दानिश पर दांव लगाया है. वहीं, बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद कंवर सिंह तंवर पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने पहले वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी को टिकट दिया था लेकिन उनके मना करने के बाद सचिन चौधरी को मैदान में उतारा है. अमरोहा सीट पर करीब 5 लाख मुस्लिम, 2.5 लाख दलित, 1 लाख गुर्जर, 1 लाख कश्यप, 1.5 लाख जाट और 95 हजार लोध मतदाता हैं. बीएसपी उम्मीदवार कुंवर दानिश मुस्लिम, दलित और जाट के सहारे जीत दर्ज करना चाहते हैं. जबकि बीजेपी के कंवर सिंह तंवर गुर्जर, कश्यप, लोध और जाट मतदाताओं के जरिए दोबारा से जीतने ख्वाब देख रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने भी सचिन चौधरी को मैदान में उतारकर उनकी राह मुश्किल कर दी है.
बुलंदशहर
बुलंदशहर सीट पर बसपा ने योगेश वर्मा को उतारा है. जबकि बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद भोला सिंह पर फिर भरोसा जताया है और कांग्रेस ने पूर्व विधायक बंसी सिंह पहाड़िया को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने 2014 में इस सीट पर करीब चार लाख मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार के राजनीतिक समीकरण काफी बदले हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए दोबारा से जीतना आसान नहीं दिख रहा है.
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बुलंदशहर सीट पर करीब 1.5 लाख ब्राह्मण, 1 लाख राजपूत, 1 लाख यादव, 1 लाख जाट, 3.5 लाख दलित, 2.5 लाख मुस्लिम और 2 लाख लोध मतदाता हैं. बसपा के योगेश वर्मा मुस्लिम और यादव के साथ दलित मतों को भी साधने में जुटे हैं. वहीं, भोला सिंह लोध, ब्राह्मण, राजपूत मतों के सहारे जीत दोहराना चाहते हैं. लेकिन बुलंदशहर के ब्राह्मण नेता गुड्डु पंडित ने जिस तरह से ऐन वक्त पर बसपा का दामन थामा है वह ब्राह्मणों के वोट में सेंध लगा सकते हैं.
अलीगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला
अलीगढ़ लोकसभा सीट के सियासी पिच पर बसपा ने अजीत बालियान, बीजेपी ने मौजूदा सांसद सतीश गौतम और कांग्रेस ने चौधरी बिजेन्द्र सिंह को बैटिंग के लिए उतारा है. सियासत के ये तीनों खिलाड़ी मझे हुए हैं और एक दूसरे कम नहीं हैं. जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो यादव, ब्राह्मण, राजपूत और जाट के करीब डेढ़-डेढ़ लाख वोट हैं. जबकि दलित 3 लाख और 2 लाख के करीब मुस्लिम मतदाता हैं.बसपा और कांग्रेस दोनों ने जाट उम्मीदवार उतारे हैं तो बीजेपी ने राजपूत पर दांव खेला है.
हाथरस
हाथरस लोकसभा सीट से सपा की साइकिल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन सवार हैं. वहीं, बीजेपी से राजवीर सिंह बाल्मीकि और कांग्रेस की ओर से त्रिलोकीराम दिवाकर को सियासी पिच पर बैटिंग करते नजर आएंगे, इस सीट जाटों का प्रभाव है. इस सीट पर करीब 3 लाख जाट, 2 लाख ब्राह्मण, 1.5 लाख राजपूत, 3 लाख दलित, 1.5 लाख बघेल और 1.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं.
आगरा
आगरा लोकसभा सीट अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है. इस सीट पर बसपा ने मनोज सोनी, बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल और कांग्रेस ने प्रीता हरित को मैदान में उतारा है. बीजेपी के एसपी बघेल सपा और बसपा में रह चुके हैं, ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी खासी पकड़ है. इस तरह से बीजेपी के साथ-साथ बघेल दूसरे दलों के वोटबैंक को साधने में कामयाब रहते हैं तो एक बार फिर कमल खिल सकता है. हालांकि बसपा का ये पुराना इलाका रहा है ऐसे में बसपा को भी इस क्षेत्र से बड़ी उम्मीदें है, लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. ऐसे में उनका भी अपना एक आधार है.
मथुरा
मथुरा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर हेमा मालिनी को उतारा है. जबकि, आरएलडी ने इस सीट पर कुंवर नरेंद्र सिंह और कांग्रेस ने महेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है. यह सीट जाट बहुल मानी जाती है यहां करीब 4 लाख जाट समुदाय के मतदाता हैं. जबकि 2.5 लाख ब्राह्मण और 2.5 लाख राजपूत वोटर भी हैं. इतने ही दलित मतदाता हैं और ढेड़ लाख के करीब मुस्लिम हैं. ऐसे में अगर आरएलडी उम्मीदवार राजपूत के साथ-साथ जाट मुस्लिम और दलितों को साधने में कामयाब रहते हैं तो बीजेपी के लिए ये सीट जीतना लोहे की चने चबाने जैसा हो जाएगा.
फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट गठबंधन के तहत बसपा के खाते में गई है. बसपा ने यहां से गुड्डू पंडित को उतारा है. जबकि बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद बाबूलाल चौधरी का टिकट काटकर राजकुमार चहेर को दिया है. वहीं, कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर मैदान में है. यहां तीनों पार्टियों के उम्मीदवार काफी मजबूत माने जा रहे हैं. ऐसे में त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना दिख रही है.
Source : News Nation Bureau