2019 Loksabha Elections: निर्वाचन आयोग ने विपक्ष को दिया बड़ा झटका, खारिज की यह मांग

50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान को लेकर दायर 21 विपक्षी नेताओं की अर्ज़ी पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है.

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के साथ इन राज्यों में भी हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, जानिए क्यों

निर्वाचन आयोग ने विपक्ष को दिया बड़ा झटका, खारिज की यह मांग

Advertisment

50 फीसदी वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के ईवीएम से मिलान को लेकर दायर 21 विपक्षी नेताओं की अर्ज़ी पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जवाब दाखिल कर दिया है. आयोग का कहना है कि विपक्षी नेताओं की ये मांग अव्यवहारिक है. फिलहाल हर विधानसभा सीट से एक बूथ के वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के मिलान की व्यवस्था है. यह व्यवस्था अपने आप में सही है, पर्याप्त है. आयोग ने दावा किया कि अब तक एक भी मामले में गड़बड़ी नहीं पाई गई है. यही नहीं चुनाव आयोग (Election Commission) ने विपक्षी नेताओं की मांग को ,खारिज करते हुए कहा कि 50 फीसदी वीवीपैट (VVPAT) ईवीएम मिलान से नतीजे घोषित करने में 6 से 9 दिन का वक्त लगेगा.

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने 21 विपक्षी दलों की उस मांग को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें ईवीएम और वीवीपैट (VVPAT) के 50 प्रतिशत नमूनों का मिलान करने की मांग की गई थी. आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि उसे मौजूदा प्रणाली जारी रखने की अनुमति दी जाए.

और पढ़ें: अमित शाह ने किया बड़ा दावा, मोदी सरकार पश्चिम बंगाल से सभी घुसपैठियों को बाहर निकालेगी

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने 21 विपक्षी दलों की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए अपने जवाब में कहा कि याचिका नमूना चेक करने की मौजूदा प्रणाली को बदलने का कोई आधार नहीं पेश करती. आयोग ने अदालत से आग्रह किया कि इस चुनाव के लिए मौजूदा प्रणाली जारी रहनी चाहिए.

ईसी ने यह बात ईवीएम और वीवीपैट (VVPAT) के अधिक नमूनों का मिलान करने की विपक्षी दलों की याचिका पर शीर्ष अदालत के एक नोटिस के जवाब में कही.

और पढ़ें: लंदन: नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज, गवाह को मारने की दी थी धमकी

शीर्ष अदालत ने 25 मार्च को ईसी से जवाब मांगा था, जब उसने निर्वाचन आयोग (Election Commission) के उस तर्क के लिए उसकी निंदा की थी, जिसमें उसने कहा था कि ईवीएम और उससे जुड़े वीवीपैट (VVPAT) की पर्चियों से मिलान के लिए नमूनों की संख्या बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है.

विपक्षी नेताओं की मांग 
दरअसल चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव, के सी वेणुगोपाल, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, सतीश चंद्र मिश्र समेत विपक्ष के कई नेताओं ने ईवीएम के ज़रिए होने वाले चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 50 फीसदी तक वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग की है.

और पढ़ें: हार्दिक पटेल नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव, गुजरात हाई कोर्ट ने दिया ये बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख 
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी रुख भी काफी हद तक विपक्षी नेताओं की मांग से सहमत नजर आया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि किसी भी संस्थान को बेहतर सुझावों से दूर नहीं रहना चाहिए. कोर्ट ने इस बात पर भी आयोग को खिंचाई की कि उसने वीवीपैट (VVPAT) को पूरी तरह से लागू करने के मामले में भी अदालत के आदेश का कड़ा विरोध किया था. जब चुनाव आयोग (Election Commission) ने वीवीपैट (VVPAT) के ईवीएम से मिलान के मौजूदा सिस्टम को पर्याप्त बताते हुए विपक्षी नेताओं की मांग को खारिज किया था तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग (Election Commission) से हलफनामा दाखिल करने बताने को कहा था कि ऐसा करने में आयोग को क्या समस्या है.

Source : News Nation Bureau

Lok Sabha Elections 2019 Lok Sabha Elections Lok Sabha voting General Elections Lok Sabha polls Lok Sabha Elections 2019 VVPAT LS elections Election Commissio Lok Sabha 2019 General Elections 2019 Lok Sabha Polls 2019 2019 general elections VVPAT machines
Advertisment
Advertisment
Advertisment