पश्चिम बंगाल में पिछले छह चरणों के मतदान के दौरान हुई हिंसा को लेकर ममता सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने 7वें चरण के मतदान में राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की तैनाती पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि क्यूआरटी का प्रभारी एक स्थानीय अधिकारी न होने के फैसले की फिर से जांच होनी चाहिए.
बता दें कि छठे चरण के मतदान के दौरान घटाल में बीजेपी की उम्मीदवार भारती घोष के साथ टीएमसी की महिला कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की थी. वहीं, झारग्राम में भी चुनावी हिंसा हुई थी, जहां बीजेपी के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी. बीजेपी का आरोप है कि ये हत्या तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने करवाई है, जबकि तृणमूल इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है.
गौरतलब है कि पिछले छह चरणों के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल के कई पोलिंग बूथों पर हिंसा हुई थी. सातवें चरण में ऐसी कोई हिंसा न हो इसे लेकर वहां की सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि यहां सुरक्षा बलों की तैनाती के दौरान लोकल अधिकारी को प्रभारी बनाना चाहिए.