देश में ऐसे कई परिवार हैं, जिन्होंने गांधी परिवार के प्रति सम्मान और अपना प्यार जाहिर करते हुए अपने-अपने घरों में जन्में बच्चों के नाम उन पर रखे. हालांकि एक परिवार ऐसा भी है, जो तीन पीढ़ियों से घर में आने वाले नए मेहमान का नामकरण नेहरू-गांधी परिवार के किसी न किसी सदस्य के नाम पर करता है.
पणजी के सेंट क्रूज में रहने वाले इस परिवार के कई सदस्य हालांकि अब ब्रिटेन में जा बसे हैं, लेकिन उनका 'नेहरू-गांधी' प्रेम रत्ती भर भी कम नहीं हुआ है. बताते हैं कि नेहरू-गांधी परिवार के प्रति उनके लगाव की शुरुआत 48 साल पहले हुई, जब मेरीक्वीन सिकेरिया ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. उनके पति फेलिक्स जॉन सिकेरिया कांग्रेस के कट्टर समर्थक थे. फेलिक्स के एक दोस्त को बाकी दोस्त प्यार से 'नेहरू' नाम से पुकारते थे.
उस घटनाक्रम से परिचित सिकेरिया परिवार के एक परिचित बताते हैं कि सिकेरिया परिवार जुड़वां बच्चों के नाम एंथोनी और अल्वारिन्हो रखना चाहता था, लेकिन फेलिक्स की इच्छा का सम्मान करते हुए 'नेहरू' और 'गांधी' शब्द उनके नाम के मध्य में जोड़ दिए गए.
'नेहरू' ने परंपरा जारी रखते हुए अपने बेटे का नाम 'राहुल', तो 'गांधी' ने अपने बेटे का नाम 'राजीव' और बेटी का नाम 'इंदिरा' रखा. बात यहीं खत्म नहीं हुई. उनकी बहन लिबानिया ने कांग्रेस के कट्टर समर्थक सोकरो से शादी की. फिर जब उनके पहली संतान पैदा हुई, तो उसका नामकरण उन्होंने अपने नामों से मिलाकर 'सोनिया' किया. यानी सोकारो से 'सो' और लिबानिया से 'निया' लेकर 'सोनिया' नाम बना दिया. अपनी दूसरी बेटी का नाम उन्होंने जाहिर है 'प्रियंका' रखा.
बताते हैं कि समस्या तब खड़ी हुई जब घर में नए मेहमान आते रहे और 'नेहरू-गांधी' परिवार से जुड़े नाम कम पड़ने लगे. मसलन प्रियंका ने दो साल पहले जब बेटी को जन्म दिया, तो उसका नामकरण 'मेनका' करने पर विचार हुआ, लेकिन सोकारो ने इस विचार को खारिज कर दिया. सोकारो का तर्क था कि मेनका बीजेपी की नेता हैं. ऐसे में प्रियंका ने अपनी बेटी का नाम 'जियाह' रख दिया. हालांकि 'सोनिया' ने अपनी बेटी का नाम 'स्नेइयॉन' रख दिया.
इस परिवार के कांग्रेस प्रेम जगजाहिर है. स्थिति यह है कि उनके घर गैर कांग्रेसी पार्टी किसी भी चुनाव में प्रचार के लिए नहीं आती हैं. हालांकि 'नेहरू' पुर्तगाली पासपोर्ट पर लंदन में जा बसे हैं, वहां वह मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़े हैं.
Source : News Nation Bureau