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पीएम नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने फानी तूफान की बाबत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को फोन न किए जाने की खबरों का खंडन किया है. पीएमओ का कहना है कि दो बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों बार हमें बोला गया कि सीएम के आने पर आपको रिटर्न कॉल करेंगे.
PMO Sources: Two attempts were made on Saturday morning,from the PM's staff, to connect PM to the WB CM on phone.The first time, they were told that the CM is on tour&call will be returned. On the second occasion too,it was told by the CM's office, that the call will be returned.
— ANI (@ANI) May 5, 2019
इससे पहले बताया जा रहा था कि फानी तूफान के बंगाल से गुजरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को फोन कर हालात के बारे में जाना. प्रधानमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से कहा कि उन्होंने राज्यपाल से हालात की जानकारी ली है और आपदा के इस समय में केंद्र राज्य सरकार के साथ है. केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी.
इस बारे में विवाद तब शुरू हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि देश में संघीय ढांचे का उल्लंघन किया जा रहा है. एक समान्तर सरकार चलाने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री की मौजूदगी के बाद भी प्रधानमंत्री ने राज्यपाल से बात कर हालात का जायजा लिया. केंद्र सरकार हमेशा बंगाल की उपेक्षा करती आई है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने ओडिशा में चक्रवात के कारण नुकसान के बारे में जानकारी के लिए वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्यपाल गणेश लाल जी को फोन कर हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया. लेकिन पश्चिम बंगाल में सिर्फ राज्यपाल से पीएम की बात हुई.
उधर, प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी की कोई उपेक्षा नहीं की है. आपदा के समय बीजेपी राजनीति नहीं करती. चक्रवात आने से पहले ही केंद्र सरकार ने राहत के लिए राशि भेज दी थी. इसलिए तृणमूल कांग्रेस के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.