लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग ने सियासत गर्मा दी है. बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 17 पर भाजपा, वहीं 16 पर जेडीयू चुनाव लड़ने वाली है. चिराग पासवान की अगुवाई वाली रालोसपा के पास पांच सीटें आई हैं. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के दल HAM को एक-एक सीट मिली है. एनडीए की ओर से सीट शेयरिंग की घोषणा में पशुपति कुमार पारस का नाम शामिल नहीं था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुपति कुमार पारस भाजपा के निर्णय से नाराज हैं. एनडीए में सीट न मिलने के बाद ऐसी चर्चा है कि आरजेडी (RJD) ने उन्हें तीन सीटों का ऑफर दिया है. पशुपति कुमार पारस मोदी सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में अब एनडीए में उनके भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
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पार्टी के नेताओं संग अगले कदम पर विचार करेंगे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पशुपति कुमार पारस इस बात से खफा हैं कि सीट बंटवारे की घोषणा से पहले उनसे भाजपा नेताओं ने बात तक नहीं की. वहीं चिराग पासवान से अमित शाह और जेपी नड्डा की बातचीत हुई. पशुपति पारस अब अपने पार्टी के नेताओं संग अगले कदम पर विचार करेंगे.
मोदी मंत्रीमंडल से दे सकते हैं इस्तीफा
ऐसा कहा जा रहा है कि कल यानी मंगलवार को वह एक प्रेसवार्ता करेंगे. इसमें वे अपने निर्णय का ऐलान कर सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वे मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, एनडीए में सीट न मिलने के बाद पारस आरजेडी के संपर्क में हैं. आरजेडी ने उन्हें तीन सीटों का आफर दिया है. इन सीटों पर हाजीपुर समेत तीन सीटे हैं. आरजेडी ने मुकेश सहनी को कटिहार सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है.
हाजीपुर सीट को लेकर रार
2020 में रामविलास पासवान के देहांत के बाद रालोसपा दो भाग में बट गई. एक ओर चिराग पासवान हैं. तो दूसरी ओर उनके चाचा पशुपति पारस हैं. आपको बता दें कि पारस इस समय बिहार हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ते थे. उनके देहांत के बाद चिराग पासवान ने कई बार हाजीपुर सीट से लड़ने की इच्छा व्यक्त की है. इस सीट को पशुपति पारस छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
Source : News Nation Bureau