Maharashtra Assembly Elections Result: महाराष्ट्र में महायुति बंपर बहुमत मिलने की ओर है. खबर लिखे जाने तक 220 सीटों पर गठबंधन आगे चल रहा है. इस मतलब है कि राज्य में महायुति गठबंधन की लहर थी. महायुति को सरकार बनाने मौका मिलता दिख रहा है. ऐसे में गठबंधन की उन रणनीतियों पर चर्चा होगी, जो पार्टी को बढ़े बहुमत की ओर ले जा रही है. यहां पर एंटी इंकंबेंसी का असर बिल्कुल नहीं दिखा. चुनाव से पहले शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने का आरोप भाजपा पर लगा था. इसका भी असर इस बार नहीं दिखाई दिया है. जानें महायुति की जीत के क्या कारण हो सकते हैं.
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शिंदे मराठा क्षत्रप हैं
शिंदे को सीएम बनाए रखने का काम असर कर गया. भारतीय जनता पार्टी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाकर एमवीए को कुंद कर दिया. इसकी वजह कि शिंदे मराठा क्षत्रप हैं.मराठा प्राइड को कैश करने के लिए भाजपा की रणनीति काम आ गई. भाजपा बीच बीच में ये संदेश देता आई कि एकनाथ शिंदे फिर से सीएम बन सकते हैं. शिवसेना (यूबीटी) की ताकत को कम करने में शिंदे का बहुत बड़ा योगदान दिया. यहां की आम जनता ने शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक माना. उनके लिए ठाकरे का परिवार बाहरी हो गया.
लड़की बहिन योजना लागू करने की रणनीति
लड़की बहिन योजना लागू करने की रणनीति असरदार रही. आम जनता को लगा कि सीएम एकनाथ शिंदे के कारण उनके खातों में हर माह रुपये आने शुरू हो गए. लोगों को विश्वास हो गया कि दोबारा शिंदे के आने ज्यादा पैसे मिलेंगे. एमवीए के कट्टर समर्थकों की महिलाओं ने महायुति को मतदान किया.
एक हैं तो सेफ हैं का सहारा लिया
हिंदू- मुस्लिम दोनों को सांधने के गठबंधन सफल रहा. हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं का सहारा लिया गया. वहीं दूसरी ओर एनसीपी के मुस्लिम कैंडिडेट को सपोर्ट करके यह जता दिया कि वह मुसलमानों की विरोधी नहीं है. चुनावों के ठीक पहले एकनाथ शिंद सरकार ने मदरसों के शिक्षकों की सैलरी की बढ़ोतरी की. ऐसे में शिंदे को भर-भर वोट मिलता दिख रहा है.
PM मोदी से बहुत अधिक प्रचार प्रसार नहीं कराया
भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से ही अपनी रणनीति में स्थानीय राजनीति को अहमियत दी. हरियाणा में पीएम नरेंद्र मोदी से बहुत अधिक प्रचार प्रसार नहीं कराया गया था. यही रणनीति को यहां पर भी दोहाराया. प्रचार के लिए लोकल नेताओं को उतारा. इस बार महाराष्ट्र में सबसे अधिक रैलियां और सभाएं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से हुईं.
संघ और भाजपा ने मिलकर काम किया
संघ और भाजपा ने मिलकर काम किया. एमवीए के लिए जीत मुश्किल हो गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बिगड़े रिश्ते पर से संबंध सुधरना भी भाजपा के लिए काम कर गया. संघ के कार्यकर्ता भाजपा का संदेश घर-घर तक ले गए. पंफलेट में लोगों को भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पत्थरबाजी और दंगे आदि के बारे में बात की.