तीन बार अमेठी से सांसद रहे राहुल गांधी ने बुधवार को चौथी बार अपना नामांकन दाखिल किया. इस बार भी उनका मुकाबला BJP की स्मृति ईरानी से है. अमेठी में स्मृति के डेरा जमाने और राहुल गांधी का वायनाड सीट से भी लड़ना इस बात की तरफ इशारा करती है कि गांधी परिवार के लिए अपनी साख बचाना बहुत आसान नहीं है. अमेठी देश के चुनिंदा हॉट सीटों में से एक मानी जाती है. कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है उत्तर प्रदेश की यह सीट. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, संजय गांधी, राजीव गांधी के अलावा सोनिया गांधी भी इस सीट से चुनाव जीत चुकी हैं.
अमेठी में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं
अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटों तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज, सलोन विधानसभा सीट इसके दायरे में है. 2017 विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर BJP और एक सीट पर कांग्रेस-सपा गठबंधन को जीत मिली थी. गौरीगंज सीट सपा के खाते में थी.
वोटों का सियासी समीकरण
अमेठी लोकसभा सीट में 16 लाख 69 हजार 843 मतदाता हैं. इनमें आठ लाख 90 हजार 648 पुरुष वोटर हैं, जबकि सात लाख 79 हजार 148 महिला वोटर हैं. करीब 3.5 लाख अनुसूचित जाति वोटर और करीब चार लाख अल्पसंख्यक वोटर हैं. इसके अलावे पासी समुदाय, यादव, राजपूत और ब्राह्मण भी यहां बड़ी संख्या में हैं.
अमेठी का फैक्ट फाइल
- अमेठी संसदीय पर अबतक 16 लोकसभा चुनाव और दो उपचुनाव हुए हैं. इनमें से कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है
- 1977 में लोकदल और 1998 में BJP को जीत मिली है. 1967 में परिसीमन के बाद अमेठी लोकसभा सीट वजूद में आई और कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी सासंद बने.
- 1971 में फिर जीते, लेकिन 1977 में नए प्रत्याशी बनाए गए संजय सिंह चुनाव हार गए.
- 1980 में इंदिरा गांधी ने बेटे संजय गांधी को रण में उतारा और तब से यह गांधी परिवार की पारंपरिक सीट हो गई. 1980 में ही दुर्घटना में संजय के निधन के बाद उनके भाई राजीव गांधी अमेठी से सांसद बने.
- 1984 में गांधी परिवार के आमने-सामने होने से लोग हतप्रभ रह गए थे. राजीव गांधी और संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी के बीच चुनावी टक्कर हुई थी.
- इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर राजीव गांधी के पाले में गई. मेनका चुनाव हार गईं और तीन लाख से भी ज्यादा अंतर से राजीव गांधी जीते.
- 1989 और 1991 में राजीव गांधी फिर चुनाव जीते, लेकिन 1991 के नतीजे आने से पहले उनकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कांग्रेस के ही कैप्टन सतीश शर्मा चुनाव जीते.
- 1998 में वह BJP के संजय सिंह से हार गए. 1999 में अमेठी से सोनिया ने आम चुनाव में कदम रखा और पहली बार सांसद बनीं. 2004 में उन्होंने बेटे राहुल गांधी के लिए यह सीट छोड़ दी और रायबरेली चली गईं.
- 2014 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी बतौर कांग्रेस उम्म्ीदवार मैदान में थे और सामने थी बीजेपी की स्मृति ईरानी. राहुल 408,651 वोट (24%) पाए. स्मृति को 300,748 वोट(18%) जबकि बसपा के धर्मेंद्र प्रताप सिंह को 57,716 वोट (3%) मिले.
- 2009 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को 464,195 वोट(32%) मिले. बसपा के आशीष शुक्ला को 93,997 वोट(6%) और बीजेपी के प्रदीप सिंह को महज 37,570 वोट(2%) मिले.
- 2004 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी 3,90,179 वोट(29%) मिले, बसपा के सीपी मिश्रा को 99,326 वोट(7%) और बीजेपी के रामविलास वेदांती को 55,438 वोट(4%) मिले.
- 2014 में मोदी लहर में भी यहां कमल नहीं खिल पाया था, लेकिन BJP के वोट प्रतिशत में नौ गुना इजाफा हुआ. 2009 में महज दो फीसदी वोट पाने वाली BJP को 2014 में 18 फीसदी वोटरों का समर्थन मिला. 2004 में करीब 2.90 लाख और 2009 में करीब 3.70 लाख वोटों से जीतने वाले राहुल गांधी 2014 में 1.07 लाख वोट से ही अपनी साख बचा पाए.
Source : News Nation Bureau