Male Singers Won National Film Award: हाल में नेशनल फिल्म अवार्ड की घोषणा की गई थी. फिल्मों के अलावा संगीत के क्षेत्र में भी ये पुरस्कार दिए जाते हैं. खासतौर पर ऐसे कई सिगंर्स रहे हैं जिन्होंने अपनी जादुई आवाज़ और संगीत से लोगों का दिल जीता है. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय संगीत उद्योग के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है. भारतीय संगीत क्षेत्र में करीब 6 पुरुष गायकों को नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. हम आपको उनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
ए.आर. रहमान
ये देश का अनमोल हीरा हैं. न सिर्फ संगीत बल्कि रहमान ने अपनी मधुर आवाज़ से पूरे देश के दिलों पर राज किया है. ए.आर. रहमान ने फ़िल्म लगान (2001) के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. 'मोजार्ट ऑफ मद्रास' के रूप में जाने जाने वाले रहमान ने भारतीय फ़िल्म संगीत को बदल दिया है. लगान में उनके काम, जिसे ऑस्कर के लिए भी नामांकित किया गया था, ने उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाया. रहमान के कंपोजिशन पारंपरिक भारतीय संगीत को समकालीन संगीत के साथ बेहतरीन ढंग से मिलाती हैं, जो उन्हें एक वैश्विक आइकन के रूप में स्थापित करती हैं.
गुरदास मान
एक महान गायक और अभिनेता गुरदास मान ने दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. उन्हें पहला पुरस्कार ‘वारिस शाह: इश्क दा वारिस’ में ‘हीर के दोहे’ के अपने भावपूर्ण गायन के लिए मिला, जिसमें उन्होंने भावनाओं और सांस्कृतिक गहराई से भरपूर आवाज़ दिखाई. इसने उन्हें भारत के सबसे प्रिय गायकों में से एक बना दिया. मान पंजाबी संगीत उद्योग के एकमात्र गायक हैं, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है. उनका दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार देस होया परदेस में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का जूरी अवार्ड मिला.
अरिजीत सिंह
अरिजीत सिंह को 'किंग ऑफ प्लेबैक सिंगिंग' कहा जाता है. उन्हें पद्मावत में "बिन्ते दिल" के खूबसूरत प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. अपनी आवाज़ से गहरी भावनाओं को व्यक्त करने की उनकी क्षमता ने उन्हें कई पीढ़ियों के लिए पसंदीदा बना दिया है.
सुखविंदर सिंह
सुखविंदर सिंह अपनी शक्तिशाली और ऊर्जावान आवाज़ के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने हैदर के गीत "बिस्मिल" के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता. उनकी आवाज़ ने फ़िल्म की कहानी में इनेंसिटी और पैशन को जोड़ा, जिससे यह गीत भारतीय सिनेमा का एक अविस्मरणीय हिस्सा बन गया.
शंकर महादेवन
शंकर महादेवन, प्रसिद्ध संगीत तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय के सदस्य हैं, जिन्होंने तमिल फिल्म कंडुकोंडेन कंडुकोंडेन में "येन्ना सोला पोगिराई" के अपने भावपूर्ण गायन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.उनकी शास्त्रीय पृष्ठभूमि और बहुमुखी गायन शैली ने उन्हें भारतीय संगीत में एक प्रतिष्ठित गायक बना दिया है.
उदित नारायण
बॉलीवुड के सबसे प्रिय प्लेबैक सिंगर्स में से एक उदित नारायण ने लगान और दिल चाहता है में अपने यादगार प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता. उनकी विशिष्ट आवाज़ और भावनात्मक प्रस्तुति ने इन गीतों को कालातीत क्लासिक बना दिया है.
इन कलाकारों ने न केवल राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है, बल्कि अपनी असाधारण प्रतिभा और अपने क्राफ्ट के प्रति समर्पण से भारतीय संगीत उद्योग पर एक अमिट छाप भी छोड़ी है.