Alia Basu missing:चाहे कॉमेडी से मिलने वाली हंसी हो, रोमांस से मिलने वाला दिल को छू लेने वाला जुड़ाव हो या हॉरर से मिलने वाला दिल दहलाने वाला झटका हो, फिल्म हर किसी को कुछ ऐसा महसूस कराने का सबसे बढ़िया मंच है, जो उसे वाकई बहुत शक्तिशाली बनाता है.लेकिन, इस सबमे से एक शैली, जो शायद सबसे ज़्यादा भावनात्मक है, वह है 'थ्रिलर' का रोंगटे खड़े कर देने वाला रहस्य और दिल दहलाने वाला रोमांच.सिनेमा परंपरा की अधिक आधुनिक शैलियों में से एक 'थ्रिलर' कुछ शुरुआती कहानियों और फिल्मों से जुड़ी है.साथ ही यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म शैली भी है, जो कई अन्य शैलियों में भी फैलती है.यही वजह है कि सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों में चौंकाने वाले अंत का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है.रिहैब पिक्चर्स की पेशकश हालिया रिलीज 'आलिया बसु गायब है' भी एक ऐसी ही साइकोलॉजिकल थ्रिलर है, जिसने थ्रिलर फिल्मों के शौकीन और अधिक रोमांचक अनुभवों का अभाव झेल रहे दर्शकों के दिल और दिमाग पर मानो जादू सा कर दिया है.विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान जैसे उम्दा कलाकारों से सजी यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे ट्विस्टेड और मनोरंजक थ्रिलर के तौर पर सामने आई है, क्योंकि यह फिल्म न केवल एक रोमांचक थ्रिलर का वादे को पूरा करती है, बल्कि दोषपूर्ण पात्रों और उनकी स्वार्थी इच्छाओं पर आधारित एक अलग तरह की कहानी भी सामने लाती है.
खासियत : 'आलिया बसु गायब है' की कहानी पहचान और धारणा के बारे में कुछ गहन सवालों से निपटती है, क्योंकि यह सिर्फ एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर नहीं है, बल्कि यह मानव स्वभाव की साइकोलॉजिकल खोज है.यह फिल्म रिश्तों की जटिलताओं और आम जीवन में हमारे सामने आने वाली नैतिक दुविधाओं पर आधारित है.कह सकते हैं कि यह एक विचारोत्तेजक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है, जो क्रेडिट रोल होने के बाद भी हमेशा दर्शकों के साथ रहेगी.जो चीज इस फिल्म को सबसे अलग बनाती है, वह है इसका लेखन, जो वास्तव में इसे साल की 'सबसे रोमांचक फिल्म' बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ता है.थ्रिलर की विशेषता और परिभाषा उनके द्वारा उत्पन्न मनोदशा से होती है, जो उनके दर्शकों को रहस्य, उत्साह, आश्चर्य, प्रत्याशा और चिंता की तीव्र भावनाएं प्रदान करती हैं.'आलिया बसु गायब है' में से सारे तत्व प्रभावी तरीके से सामने आते हैं और दर्शकों में हर अगले पल के बारे में जानने की जिज्ञासा भी पैदा करते हैं.‘अस्तित्व के लिए संघर्ष’ वाली विद्रोही कहानी, शानदार और कसी हुई पटकथा, अस्थिर एक्शन सीन इस फिल्म की अतिरिक्त विशेषताएं है.यानी, इसमें एक वास्तविक व्यावसायिक पॉटबॉयलर के सभी तत्व मौजूद हैं.
क्या है कहानी : 'आलिया बसु गायब है' पूर्व अपराधियों दीपक और विक्रम की कहानी पर आधारित है, जो फिरौती और निजी बदला लेने के लिए एक अमीर आदमी, यानी उद्योगपति गौतम बसु की बेटी आलिया का अपहरण करते हैं, लेकिन दीपक के छिपे हुए इरादों से उसका दोस्त विक्रम भी अनजान है.आलिया अपहर्ताओं से खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष करती है और अपने पिता से बचाव में मदद करने की गुहार लगाती है.जब अपहर्ता फिरौती लेने के लिए तयशुदा स्थान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें धोखे का पता चलता है.कुल मिलाकर यह साइकोलॉजिकल सस्पेंस थ्रिलर शुरू से ही अपने खास तत्व, यानी फुल सस्पेंस के वादे को पूरा करती है.इसी के साथ यह फिल्म कामुकता और जटिल मानवीय भावनाओं के विषयों को भी जोड़ती है, जो इसे एक रहस्यपूर्ण ड्रामा के विषय से थोड़ा अलग नजरिया प्रदान करती है.
फिल्म : 'आलिया बसु गायब है'
जॉनर : सस्पेंस थ्रिलर
निर्माता : डॉ. सत्तार दीवान, जोनू राणा
निर्देशक : प्रीति सिंह
संगीत : मन्नान मुंजाल
कलाकार : विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान आदि
अवधि : एक घंटा 43 मिनट
रेटिंग: 4 स्टार