आजकल हिंदी फिल्मों के बायकॉट का चलन काफी तेज हो गया है. करोड़ों रुपए की लागत से बनी बड़े बजट की हिंदी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही धड़ाम हो जा रही हैं .लेकिन इन सबके बीच छोटे बजट की भोजपुरी फिल्में काफी अच्छा काम कर रहीं है. टीवी और सैटलाइट राइट्स अच्छे दामों में बिकने की वजह से भोजपुरी फिल्म अपनी लागत से कहीं अधिक मुनाफा कमा रही हैं. इन फिल्मों में एक नाम इन दिनों काफी चर्चित है, गायक और अभिनेता रितेश पांडेय का. भोजपुरी फिल्मों के अक्षय कुमार कहे जाने वाले रितेश पांडेय की हर 2 महीने में फिल्म रिलीज हो रही है और वह अच्छा व्यवसाय कर रही है.
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न्यूज़ स्टेट/न्यूज़ नेशन से बात करते हुए, गायक से अभिनेता बने रितेश पांडेय का मानना है कि यह जरूरी नहीं कि हर गायक अभिनेता बने. लेकिन भोजपुरी फिल्मों में अधिकतर ऐसा देखने को मिल रहा है. स्ट्रगल हर किसी को करना पड़ता है. उन्होंने भी अपने कैरियर के शुरुवात में स्ट्रगल किया. उनके स्ट्रगल के दौर में डीवीडी और सीडी की बिक्री होती थी. वह कम्पनी से कैसेट मंगाकर डिस्ट्रीब्यूटर और दुकानदारों के पास अपना कैसेट रिकॅार्ड करते थे. उन्हें अपने गाने को प्रमोट करने के लिए कहते थे और कैसेट बिकने के बाद ही पैसे की मांग करते थे. लेकिन आज मनोरंजन के साधन बदल चुके हैं. अब मनोरंजन यूट्यूब पर है.
आज के गायकों के लिए स्ट्रगल थोड़ा कम हो गया है. धड़ाधड़ फिल्में रिलीज करने के सवाल पर रितेश पांडेय ने कहा कि प्रोड्यूसर उनकी फिल्मों में पैसा लगाते हैं और अगर वह थोड़ा जल्दी मेहनत करके फिल्म को कंप्लीट कर देते हैं तो प्रोड्यूसर के पैसे बच जाते हैं और वह बचे पैसे को अगली फिल्म में ज्यादा लगाते हैं. इससे भोजपुरी फिल्मों का बजट और सफलता ग्राफ़ बढ़ेगा जो इस इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छा है.ओटीटी पर भोजपुरी के आने के सवाल पर रितेश पांडेय ने कहा कि मनोरंजन के साधन अब बदल चुके हैं.पहले लोग तीन घंटे तक समय निकालकर सिनेमा देखने जाते थे लेकिन आज उनके हाथ में मोबाइल है और वह अपनी व्यस्तता के हिसाब से फिल्मों को देख रहे हैं.यह आज के समय की मांग है और इसके साथ चलना पड़ेगा.बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट के सवाल पर रितेश पांडेय ने जनता का पक्ष लेते हुए कहा कि कोई अच्छा कंटेंट होगा तो उसे पब्लिक कंफर्म पसंद करेगी लेकिन जो पब्लिक फिगर है,
जिन्हें लोग अपना आइडियल मानते हैं उनकी भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए.समाज में वो कैसा संदेश देते हैं, उनकी वजह से समाज में कैसा असर पड़ता है यह बहुत मायने रखता है.पब्लिक फिगर को कुछ भी बोलने से पहले बहुत कुछ सोचना चाहिए.इस लोकतंत्र में पब्लिक ने जो सही माना वो सही, जो गलत माना वो गलत.रितेश पांडेय ने भोजपुरी अभिनेताओं के बॉलीवुड या दूसरे इंडस्ट्री में काम नहीं करने के सवाल पर कहा कि दूसरे इंडस्ट्री में जाकर काम करना बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है.उनका मकसद ये है कि भोजपुरी इंडस्ट्री को भी इतना बड़ा बनाया जाए की दूसरी इंडस्ट्री के लोग भोजपुरी सिनेमा में काम करने को तरसे और गर्व से बोले कि वह भोजपुरी सिनेमा में काम करते हैं.आज भोजपुरी सिनेमा में प्रयोग हो रहे हैं पर लोगों की धारणा आज भी नही बदल पाई है.
आज भोजपुरी सिनेमा की शूटिंग लंदन में हो रही है.भोजपुरी का बजट धीरे-धीरे बढ़ रहा है और वह जल्द ही अपनी फिल्मों को इस लेवल तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं की उनकी फिल्में भी मल्टीप्लेक्स में लगे और लोग उनके सिनेमा को देखने के लिए बाध्य हो जाए.रितेश ने कहा कि उनका एक नया गाना रिलीज हुआ है और वह पीरियड फ़िल्म भी बना रहे हैं.रितेश ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा इस समय अपने शानदार दौर से गुजर रहा है और लोग अगर सपोर्ट करें तो यह इंडस्ट्री भी दूसरे इंडस्ट्री से कदमताल करने को तैयार है.