Bigg Boss 14: राहुल वैद्य ने बताया पावर में बैठे लोग करते हैं क्या काम
राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) ने आगे कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि 130 करोड़ वाले लोगों के देश में मौकों की तलाश में प्रतिभा मर रही है. निर्माताओं द्वारा इस पर विचार न करना बेहद अनुचित है. यह आस्था का सवाल है
'बिग बॉस 14' (Bigg Boss 14) घर के सदस्य व गायक राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) संगीत के रीमिक्स को अस्वीकार करते हैं. साथ ही वह निश्चित रूप से रीमिक्स के प्रशंसक नहीं हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि जब संगीत की बात आती है तो बॉलीवुड के पास नए गानों को लेकर कोई विचार नहीं होता, जिससे रीमिक्स में अचानक उछाल आ गया है, इस पर राहुल ने संगीत लेबल और निर्माताओं को इस ट्रेंड के लिए जिम्मेदार ठहराया.
राहुल ने मीडिया से कहा, 'यह मार्केटिंग का निर्णय है. पावर में बैठे लोग हमेशा यह तय करते हैं कि वे क्या करना चाहते हैं. उन्होंने निर्णय लिया है कि वे एक सुरक्षित शर्त लगाना चाहेंगे और एक ऐसे गाने को चुनते हैं, जो पहले से ही लोकप्रिय है.'
राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) ने आगे कहा, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि 130 करोड़ वाले लोगों के देश में मौकों की तलाश में प्रतिभा मर रही है. निर्माताओं द्वारा इस पर विचार न करना बेहद अनुचित है. यह आस्था का सवाल है. उनमें विश्वास और भरोसा नहीं है. उन्हें यह भरोसा नहीं है कि अगर हम किसी को मौका देंगे, तो वह 'धमाल मचा' देगा.' राहुल ने जोर दिया कि रीक्रिएशंस का कोई मोल नहीं है.
राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) ने कहा, 'मैं फिल्म 'सिम्बा' को लेकर बेहद परेशान था. उसमें रोमांटिक गाना है 'तेरे बिन नहीं लगदा'. यह गाना मूलरूप से नुसरत फतेह अली खान का है. इसे राहत साहब और एक महिला गायिका ने मिलकर रीक्रिएट किया है. अब कल्पना कीजिए कि अगर एक नवागंतुक को इस तरह के एक प्रेम गीत को रीक्रिएट करने का मौका मिले, जो कि 'सिम्बा' जैसी बड़ी फिल्म में दिखाया जाए, लेकिन निमार्ताओं ने रीक्रिएशन के साथ जाना तय किया.' राहुल ने आगे कहा, 'दूसरा मुद्दा यह है कि उनके आस-पास के लोग उनका खंडन नहीं करना चाहते हैं. क्योंकि अगर मैं किसी बड़े आदमी का विरोध करता हूं, तो वह सोचेंगे कि मेरा घमंड है और मुझे नौकरी से निकाल देंगे.'