भारतीयों समेत समग्र दुनिया की निगाहें शनिवार रात चांद की सतह पर उतरने वाले 'चंद्रयान 2' पर टिकी हैं. सभी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को आतुर हैं. यह अलग बात है कि आज से 52 साल पहले 'चांद पर चढ़ाई' हो चुकी है. यह चढ़ाई किसी और ने नहीं बल्कि भारत के रुस्तम-ए-हिंद पहलवान और हिंदी सिनेमा के सशक्त हस्ताक्षर दारा सिंह ने की थी. एक तरह से यह भारतीय सिने उद्योग की पहली साइंस फिक्शन फिल्म थी, जिसका निर्देशन टीपी सुंदरम ने किया था.
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1967 में प्रदर्शित हुई थी 'चांद पर चढ़ाई'
'चांद पर चढ़ाई' (1967) या 'ट्रिप टू मून' के स्पेस शिप और स्पेससूट देखकर हिंदी फिल्मों के प्रशंसक आश्चर्यचकित थे. इस ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में रॉकेट लांचिंग के दृश्य भी दिखाए गए थे. फिल्म का संगीत ऊषा खन्ना ने तैयार किया था, जिसमें ज्यादातर गाने लता मंगेशकर ने गाए थे. अन्य गायकों में मो. रफी, सुमन कल्याणपुर, कमल बारोट, आशा भोंसले भी शामिल थीं.
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पहली साइंस फिक्शन
'चांद पर चढ़ाई' फिल्म चंद्रमा पर लैंडिग की कहानी कहती है, जिसमें ऐस्ट्रोनॉट की भूमिका में थे दारा सिंह. फिल्म में दिखलाया गया है कि जैसे ही दारा सिंह (फिल्मी किरदार का नाम आनंद) अपने साथी भग्गू (भगवान) के साथ चंद्रमा पर पहुंचते हैं, तो उन्हें वहां कोई 'लड़ाकों और राक्षसों' से लड़ना पड़ता है. ढाई घंटे की इस फिल्म में दारा सिंह के अलावा अनवर हुसैन, भगवान, जी रत्न और पद्म खन्ना मुख्य किरदारों में थीं.
HIGHLIGHTS
- 1967 में दारा सिंह अभिनीत फिल्म आई थी 'चांद पर चढ़ाई'.
- इस पहली साइंस फिक्शन फिल्म में दारा सिंह बने थे एस्ट्रोनॉट.
- फिल्म में रॉकेट लांचिंग के दृश्य भी दिखाए गए थे.