Advertisment

एक दिन क्यों, हर दिन मनाएं जश्न-ए-आजादी: रवीना टंडन

बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन फिलहाल बड़े पर्दे से दूर हैं, लेकिन देश के विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखने के साथ ही समाजसेवा का हिस्सा बन वह बतौर सेलिब्रिटी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती हैं।

author-image
Sonam Kanojia
एडिट
New Update
एक दिन क्यों, हर दिन मनाएं जश्न-ए-आजादी: रवीना टंडन

रवीना टंडन (फाइल फोटो)

Advertisment

बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन फिलहाल बड़े पर्दे से दूर हैं, लेकिन देश के विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखने के साथ ही समाजसेवा का हिस्सा बन वह बतौर सेलिब्रिटी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती हैं। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रवीना कहती हैं कि 'हमें आजादी का जश्न एक दिन नहीं, बल्कि हर रोज मनाना चाहिए।'

स्वतंत्रता दिवस करीब है, देशवासियों को जश्न-ए-आजादी के लिए क्या संदेश देंगी? इस पर रवीना ने एजेंसी के साथ खास बातचीत में कहा, 'आजादी का जश्न तो हमें हर रोज मनाना चाहिए। साथ ही हमें उन लोगों को धन्यवाद कहना चाहिए, जो सीमा पर खड़े होकर हमारी रक्षा कर रहे हैं, जिनकी वजह से हम स्वतंत्रता दिवस मना पाते हैं..अपने घरों में खुशी से जी पाते हैं। हमें उनका आभार जताना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान देकर हमें आजादी दिलाई है। यह एक दिन है जब हमें आजादी के लिए पूरी तरह से हमारे सैनिकों को धन्यवाद कहना चाहिए।'

ये भी पढ़ें: टीम इंडिया के साथ फोटो खिंचाने पर ट्रोल हुई थीं अनुष्का शर्मा, दिया ये जवाब

रवीना टंडन उन गिनी-चुनी बॉलीवुड हस्तियों में शुमार हैं, जो ट्रोल्स और आलोचना की परवाह न करते हुए बतौर सेलिब्रिटी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाती हैं। साथ ही बेबाकी से विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय साझा करती हैं।

रवीना स्फाइना बाइफिडा फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ब्रांड एंबेसडर हैं, जो गर्भवती महिलाओं में फॉलिक एसिड की कमी के कारण उनकी संतान में होने वाले स्फाइना बाइफिडा विकार के प्रति जागरूकता फैलता है।

इस कैंपेन से जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर रवीना ने कहा, 'मैं छह साल से इस फाउंडेशन से जुड़ी हूं। मुझे लगता है कि यह एक ऐसा विषय है जो मेरे बहुत करीब है। मैं खुद एक मां हूं और बच्चे को तकलीफ में देखना एक मां के लिए कैसा होता है, यह मैं समझ सकती हूं। यह एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में जन्म से होती है, लेकिन इससे बचा जा सकता है। इसलिए अगर आप जागरूकता फैलाएं तो गर्भवती महिलाएं अपनी होने वाली संतान को इससे बचा सकती हैं।'

ये भी पढ़ें: Independence Day Special: परमवीर चक्र विजेता योग्रेंद यादव की जुबानी, कारगिल युद्ध की कहानी

वह कहती हैं, 'फॉलिक एसिड की गोलियों का पत्ता शायद आठ या 10 रुपये का है..यह मंहगा नहीं है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता नहीं है, इसलिए जिन महिलाओं में फॉलिक एसिड की कमी होती है, उन्हें इसके बारे में पता नहीं चल पाता। इसके लिए जागृति फैलाने की बहुत जरूरत है।'

अनुभवों के आधार पर आपको क्या लगता है कि सरकार कितनी जागृत और संवेदनशील है? यह पूछे जाने पर रवीना ने कहा, 'देखिए यह एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है, हम अब तक अपने एनजीओ के माध्यम से ही काम कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि सरकार भी इसके प्रति जागरूक है और बहुत ही जल्द हमें इस दिशा में कोई अच्छी खबर मिल सकती है कि सरकार और एनजीओ के साथ एक जागरूकता कार्यक्रम करने वाले हैं।'

स्पाइना बाइफिडा से पीड़ित बच्चों के लिए को क्या कहना चाहेंगी? रवीना ने कहा, 'अच्छी बात यह है कि स्पाइना बाइफिडा के 28वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने इस बीमारी की वजह से देश के साथ ही दुनिया भर के लोगों को जोड़ा, क्योंकि बहुत सारे लोग हैं जिन्हें इस बीमारी के बारे में जानकारी भी नहीं थी..उन्हें यह तक नहीं पता था कि उन्हें यह बीमारी कैसे हुई। इस फाउंडेशन के माध्यम से उन्हें यह पता चल पाया।'

वह कहती हैं, 'मैं बच्चों को यह संदेश देना चाहूंगी कि हिम्मत नहीं हारनी है। दुनिया भर में कई बच्चे बहुत ही गंभीर जन्मजात बीमारियों से जूझ रहे हैं, बावजूद इसके वह अपनी जिंदगी में बहुत बहादुरी और अच्छी तरह जी रहे हैं..हार नहीं मान रहे हैं। अगर किसी को यह बीमारी है तो उन्हें हिम्मत से अपनी जिंदगी जीनी चाहिए और इस बारे में जागरूकता भी फैलानी चाहिए।'

ये भी पढ़ें: भोजपुरी स्टार निरहुआ ने कही ऐसी बात..बेहोश हो गई आम्रपाली दुबे

क्या आप हमें फिर जल्दी ही बड़े पर्दे पर नजर आएंगी? इस रवीना हंसते हुए कहती हैं, 'मैं स्क्रिप्ट पढ़ रही हूं, लेकिन अभी मुझे ऐसा कुछ खास लगा नहीं, जैसे ही कोई अच्छी पटकथा मिलती है तो मैं जरूर करूंगी।'

बता दें कि रवीना साल 2017 में फिल्म 'मातृ' में नजर आई थीं।

Source : IANS

Raveena Tandon Independence Day 2018
Advertisment
Advertisment