नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill) बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया. यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है. राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े. इस बिल को लेकर बॉलीवुड और साउथ स्टार कमल हासन (Kamal Haasan) का एक ट्वीट काफी सुर्खियां बटोर रहा है. कमल हासन (Kamal Haasan) ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'विध्वंसक नरसंहार का सामना करने वाले तमिलों और भेदभाव से गुजरने वाले मुस्लिमों को बिल से बाहर क्यों रखा गया. यदि यह वास्तव में परोपकारी बिल है और वोट इकट्ठा करने की कवायद नहीं है, तो श्रीलंका में फंसे तमिलों और परेशान मुसलमानों को इस बिल (CAB) से बाहर क्यों रखा गया.' कमल हासन (Kamal Haasan) के इस ट्वीट पर लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं.
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Why are Tamils who are subjected to a methodic genocide and Muslims facing discrimination, be excluded from the bill? If it’s a genuinely benevolent bill and not a vote garnering exercise, then why won’t this CAB stop to pick up stranded Tamils & troubled Muslims of Srilanka?
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) December 10, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill) पर देश के कुछ लोग समर्थन में खड़े हैं तो वहीं कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं. बता दें कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'कमल हासन ने नागरिकता संशोधन बिल पर उठाए सवाल, बोले- अगर यह वोट इकट्ठा करने का तरीका नहीं है तो...आज जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी. जिन्होंने जख्म दिए वही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे.'
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अमित शाह ने कहा, 'इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि मुसलमानों को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं. आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है. इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है.
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ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं.' शाह ने कहा, 'बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं. पिछली सरकारें समाधान लाईं होती तो ये बिल न लाना होता.' इस विधेयक को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई, जिसके बाद वहां 24 घंटे के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
(इनपुट- आईएएनएस से)
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो