डिजाइनर रिक रॉय का कहना है कि अपने किरदार के साथ न्याय करने और वास्तविकता का पुट लाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री विद्या बालन ने फिल्म 'बेगम जान' में बिना इस्त्री (प्रेस) किए हुए कपड़े पहने हैं। यह फिल्म 1947 के विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी है। विद्या फिल्म में एक वेश्यालय की मालकिन बनी हैं। फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार श्रीजीत मुखर्जी की बंगाली फिल्म 'राजकहिनी' का हिंदी रूपांतरण है।
रॉय ने बताया, 'फिल्म में विद्या ने 40 कपड़े पहने हैं। उन्होंने कोई भी परिधान इस्त्री किया हुआ नहीं पहना है। यह उनका फैसला था कि कपड़ों को अच्छे से धुलकर आयरन नहीं किया जाए। इससे उनके कपड़े पहले से इस्तेमाल में लाए जा चुके मालूम पड़ते हैं और वास्तविकता परिलक्षित होती है। फिल्म में किसी भी कलाकार के कपड़े इस्त्री नहीं किए गए हैं।'
ये भी पढ़ें: 'बेगम जान' के लिए श्रीजीत मुखर्जी की पहली पसंद थीं विद्या बालन
विद्या के कपड़े मटमैले रंग के हैं। रॉय ने बताया कि उन कपड़ों को वेजिटेबल डाई में रंगा गया और फुलकारी का भी इस्तेमाल किया गया है। फिल्म 'प्लेयर्स' के एक गीत के लिए सोनम कपूर के कपड़े डिजाइन कर चुके रॉय ने बताया कि अब तक किए गए काम के मुकाबले 'बेगम जान' का काम उनके लिए बिल्कुल अलग अनुभव रहा।
ये भी पढ़ें: विद्या बालन की फिल्म 'बेगम जान' का ट्रेलर रिलीज, चंकी पांडेय दिखेंगे अलग लुक में
डिजाइनर के मुताबिक, श्रीजीत को कपड़े पुराने दिखने वाले चाहिए थे। झारंखड में तेज धूप और धूल के बीच शूटिंग के दौरान कपड़े गंदे हो जाते थे। श्रीजीत वास्तविकता दर्शाना चाहते थे, इसीलिए साफ कपड़े देखकर खीझ जाते थे।
ये भी पढ़ें: BCCI ने किया विराट, धोनी, रोहित और युवराज को प्रमोट, वार्षिक अनुबंध में सभी की बढ़ेगी पगार
Source : IANS