नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री में 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू भारत' और 'हिंदुत्व' शब्दों के प्रयोग पर सेंसरशिप विवाद के बीच डायरेक्टर सुमन घोष ने इस डॉक्यूमेंट्री का 141 सेकेंड का एक ट्रेलर इंटरनेट पर अपलोड किया है। लेकिन ट्रेलर से ये चारों शब्द गायब दिखे।
घोष ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'आज 14 जुलाई को हम अपनी फिल्म 'द आर्गुमेंटटेटिव इंडियन' को रिलीज करने वाले थे, बेशक हमें ऐसा नहीं करने दिया गया। हमने रिलीज के लिए एक ट्रेलर तैयार किया था, अगर आपको पसंद आया हो तो इसे साझा जरूर करें। इसमें टैगोर की कविता को विक्टर बनर्जी ने पढ़ा है। मैं देशभर से लोगों और मीडिया से मिल रहे समर्थन के लिए आभारी हूं।'
सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को हरी झंडी दिखाने से इनकार कर दिया है।
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डॉक्यूमेंट्री के डायरेक्टर सुमन घोष ने भारतरत्न से सम्मानित अमर्त्य सेन द्वारा दिए गए इंटरव्यू के दौरान इस्तेमाल हुए इन चार शब्दों को 'द आर्गुमेंटटेटिव इंडियन' में म्यूट करने से मना कर दिया, जिसके बाद सेंसर बोर्ड को फिल्म की रिलीज रोकनी पड़ी।
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी देश की बदली हुई सत्ता और सत्ताधारियों के विचारों का कुछ ज्यादा ही ख्याल रख रहे हैं और इस कारण कई फिल्म डायरेक्टर्स उनके रवैये से नाराज हैं।
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Source : IANS